Home देश आखिर कब तक एनडीए को ‘बंदर घुड़की’ देते रहेंगे कुशवाहा

आखिर कब तक एनडीए को ‘बंदर घुड़की’ देते रहेंगे कुशवाहा

30 नवंबर तक बीजेपी के जवाब का इंतजार है। इस संबंध में बीजेपी से जो कुछ बात होगी या फिर नहीं होगी जिसकी चर्चा पार्टी के अधिवेशन में की जाएगी…”

KUSHWAHA MODI

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो)। एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर अलग थलग पड़े केंद्रीय मंत्री और रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा अभी तक अनिश्चय की स्थिति में हैं।

एनडीए छोड़ने को लेकर अभी तक उनके तरफ से कोई नकारात्मक पहल नहीं दिख रही है। कभी राजद तो कभी कांग्रेस नेताओं से उनकी बातचीत सिर्फ एनडीए पर प्रेशर पॉलिटिक्स के रूप में देखी जा रही है।

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में भाजपा और जदयू द्वारा सीट बंटबारा तय कर लिए जाने के बाद से रालोसपा तथा लोजपा के लिए सिर्फ छह सीटें ही बची है। जिसमें चार पर लोजपा ने अपने दावे पहले ही कर दिए है।

बाकी बचे दो सीट रालोसपा के खाते के है। लेकिन इस बार रालोसपा सिर्फ़ दो सीट लेकर ही मानने वाली नहीं दिख रही है। उधर लोजपा को भी कम से कम छह सीटें चाहिए ।

रालोसपा प्रमुख केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा दो सीट मिलने से एनडीए में नाराज चल रहे हैं। पिछले दिनों वे पीएम और राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलने दिल्ली भी गए। लेकिन दोनों से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी।

इधर केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा लगातार एनडीए छोड़ने की ‘बंदर घुडकी’ दिए जा रहे हैं। फिर से उन्होंने एनडीए में रहने की अपनी तय सीमा निर्धारित कर दी है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलने गए केंद्रीय मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 4-5 और 6 दिसंबर को वाल्मीकि नगर और मोतीहारी में होने वाली पार्टी की अधिवेशन में अंतिम फैसला लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि एनडीए में रहने या फिर छोड़ने का फैसला वे अकेले नहीं ले सकते। पार्टी की बैठक में ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।

श्री कुशवाहा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अब काफी कम समय  बचा है। ऐसे में सीट बंटबारे में फैसला नहीं होने से बिहार की जनता और एनडीए के कार्यकर्ता भी कंफ्यूजन में हैं।

केंद्रीय मंत्री ने एक बार फिर धमकाते हुए कहा कि बीजेपी 30 नवंबर तक सीट शेयरिंग को लेकर फैसला ले लें। नहीं तो उनके पास कई विकल्प है। इससे एनडीए को ही चुनाव में नुकसान होगा।

मीडिया से बातचीत करते हुए रालोसपा प्रमुख ने कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर अब तक बीजेपी से कोई अंतिम बात नहीं हो सकी है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मेरे कहने से कुछ नहीं होगा। पार्टी की  सामूहिक राय के आधार पर ही अंतिम फैसला किया जाएगा।पार्टी का सर्वसम्मत फैसला उन्हें मंजूर होगा।

इधर केंद्रीय मंत्री श्री कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार के नीच वाले बयान को लेकर जेडीयू की बैठक में सीएम नीतीश की सफाई को लेकर उन्होंने  कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।

सीट बंटबारे को लेकर परेशान चल रहे केंद्रीय मंत्री के विधायकों पर इसका प्रभाव नहीं दिख रहा है। राज्य के विधायक चाह रहे हैं कि रालोसपा एनडीए का घटक बना रहे।

फिलहाल रालोसपा सुप्रीमों के द्वारा सीट बंटबारे की तारीख को लेकर अल्टीमेटम जारी कर दिया गया है। छह दिसम्बर तक फिलहाल एनडीए के बड़े घटक भाजपा को राहत मिल गई होंगी।

देखना है रालोसपा एनडीए के लिए कब तक सिरदर्द बना रहता है। कहीं यह धमकी रालोसपा प्रमुख की ‘बंदर घुड़की’ साबित न हो जाए।

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