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अपने खिलाफ हाई कोर्ट में दायर याचिका पर विफरी लालू पुत्री रोहिणी आचार्या

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के सारण लोकसभा सीट से राजद प्रत्याशी रोहिणी आचार्या के नामांकन को रद्द करने के लिए पटना हाई कोर्ट में एक रिट याचिका गुरुवार को दायर की गयी।

हालांकि इस संबंध में रोहिणी आचार्या ने अपने ट्वीट हैंडल एक्स पर कड़ा जबाव दिया है। उन्होंने लिखा है कि पराजय की प्रबल संभावना से परेशान प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी गोदी-मीडिया की मदद से मेरे नामांकन के संदर्भ में एक बार फिर से फैला रहे हैं भ्रामक- झूठा प्रचार। सारण की जनता-मालिक से अनुरोध है कि अफवाहों को करें नजरअंदाज और झूठ के कारोबारी को हर हाल में करें परास्त।

बता दें कि खबरों के अनुसार नृपेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने रिट याचिका दायर कर रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा रोहिणी आचार्या के नामांकन को स्वीकृत करने को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि रोहिणी आचार्या के पासपोर्ट की कोई जांच नहीं की गयी है। वह सात वर्षों से अधिक से सिंगापुर में रहते हुए वहां कि नागरिकता हासिल की है या नहीं।

याचिकाकर्ता ने आचार्या के भारत की नागरिकता पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84 व 102 के तहत लोकसभा चुनाव लड़ने में वह अयोग्य हैं। ऐसे में रिटर्निंग ऑफिसर को उनका नामांकन रद्द किया जाना चाहिए था।

याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि रोहिणी आचार्या याचिकाकर्ता ने तथ्य छुपाने का लगाया आरोप ने नामांकन पत्र के साथ दाखिल शपथ पत्र में अनेक गलत तथ्यों को लिखा है। उनके द्वारा अपने घर का कोई पता सारण जिला या पटना जिला का नहीं दिया गया है।

उन्होंने अपनी संपत्ति के विवरण में भी कोई पता नहीं लिखा है। अपनी आयकर विवरणी और बैंक खाताओं में जमा रकम के बारे में भी उन्होंने गलत तथ्य पेश किया है। यह भी आरोप लगाया गया है कि अचल संपत्ति का विवरण भी गलत दिया गया है।

याचिकाकर्ता ने अपने को सारण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता बताया है और यह दावा किया है कि रोहिणी ने अपने नामांकन पत्र व शपथ पत्र में अपने सिंगापुर के घर, आय व वहां के निवासी के रूप में अपनी स्थिति को पूरी तरह से छिपाया है, जिसकी वजह से वो सारण में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य थीं।

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