“सीएम जनसंवाद केंद्र में पिछले साढ़े तीन वर्षों में दर्ज करायी गयी शिकायतों में से 88.91 प्रतिशत शिकायतों का निष्पादन कर दिया गया है। आज 27 नवबंर को सूचना भवन में सीएम द्वारा सीधी बात कार्यक्रम में 1 मई 2015 से 26 नवंबर, 2018 तक कुल 2 लाख 91 हजार 250 शिकायतें दर्ज करायी गयी हैं। इनमें से 2 लाख 25 हजार 313 शिकायतों का निष्पादन कर दिया गया है…”
उन्होंने बिरनी के थाना प्रभारी और इस केस के अनुसंधान अधिकारी को तत्काल हटाने और पूरे मामले की डीआईजी स्तर पर जांच करवाकर 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है।
सीएम ने मंगलवार को सूचना भवन स्थित जनसंवाद केंद्र में ‘सीधी बात’ में युवती के पिता की शिकायत पर यह निर्देश दिया। सीएम ने कुल 19 मामलों की सुनवाई की।
श्री दास ने कहा कि छोटी-छोटी बातों को लेकर जनता को दौड़ाने की प्रवृत्ति किसी हाल में बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
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रामगढ़ के एक मजदूर दिलीप कुमार की हादसे में मौत के बाद उनका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं किये जाने की शिकायत पर सीएम ने कहा कि छोटी-छोटी बातों के लिए जनता को दौड़ाया जा रहा है। उन्होंने रामगढ़ के उपायुक्त को तीन दिनों के अंदर प्रमाण पत्र निर्गत करने का आदेश दिया।
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लातेहार जिले की एक युवती से दुष्कर्म के आरोपी व्यक्ति को न्यायालय से वारंट निर्गत होने के बाद भी गिरफ्तार नहीं किये जाने की शिकायत पर सीएम श्री दास ने जिले के एसपी को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया। उन्होंने लातेहार के उपायुक्त को पीड़िता को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आवंटित करें।
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गुमला की बसंती देवी ने नगर परिषद कार्यालय में दैनिक कर्मी के तौर पर कार्य किया था। किए गए कार्य के एवज में पारिश्रमिक का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। उन्होंने सीएम के समक्ष शिकायत करते हुए कहा कि जनसंवाद में शिकायत के बाद इन्हें प्रताड़ित करने के मंशा से नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने रॉक गार्डेन, गुमला में टिकट काटने के लिए ट्रांसफर कर दिया गया है, जहां सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। इतना ही नहीं, उन्हें पिछले तीन माह से मानदेय नहीं दिया गया है। इसपर सीएम रघुवर दास ने गुमला के उपायुक्त को बसंती देवी से अगले दिन मिलकर इनके लंबित मानदेय का त्वरित भुगतान करने तथा फौरन सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करने का निर्देश दिया। श्री दास ने इस मामले में उपायुक्त को नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ जांच कर पूरी रिपोर्ट तीन दिन के अंदर सबमिट करने का निर्देश दिया।
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गढ़वा से आए सत्येंद्र कुमार ने शिकायत की कि वर्ष 2014 के विधान सभा चुनाव के दौरान उनकी तीन बोलेरो गाडियाँ प्रशासन ने ली थी लेकिन अब तक किराए का भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने वर्ष 2009 में चुनाव के दौरान उनके द्वारा की गयी वीडियोग्राफी कार्य के एवज में अबतक भुगतान नहीं किए जाने की भी शिकायत की। इसपर सीएम के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने डीसी गढ़वा को सत्येंद्र कुमार के सभी लंबित भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
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दुमका जिला के उप-स्वास्थ्य केंद्र, पकदाहा के निर्माण का कार्य अधूरा रहने की शिकायत में विभाग के अधिकारी से पूछे जाने पर बताया गया कि संवेदक द्वारा 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। कार्य पूर्ण करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इसपर सीएम ने संवेदक को कार्य से हटाकर किसी अन्य संवेदक से कार्य करवाने का आदेश दिया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सभी अधूरे भवनों की समीक्षा करने का आदेश दिया।
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बोकारो के पथोरिया ग्राम निवासी सुनीत चटर्जी के ऊपर 11,000 वॉल्ट का तार गिर जाने की वजह से मृत्यु के पश्चात इनके परिवार को मुआवज़ा नहीं मिला है। इनके पुत्र राजेश कुमार चटर्जी से मानव दिवस कर्मी के रूप में विद्युत कार्यालय, जैनामोड़ में 2 वर्ष 9 महीने का कार्य भी करवाया गया था जिसके मानदेय का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। इस मामले में सीएम ने ऊर्जा विभाग के एकजीक्यूटिव इंजीनियर को कल तक मुआवजे के तौर पर डेढ़ लाख रूपये का भुगतान करने तथा इनके पुत्र के लंबित मानदेय का पूरा ब्योरा विभाग को भेजने का निर्देश दिया।
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झारखंड पुलिस हाउसिंग बोर्ड, रांची में कार्यरत सुनील किशोर मिंज की कार्यकाल के दौरान फरवरी 2014 में मृत्यु हो गई थी। परंतु इनकी आश्रित पत्नी- अन्ना टोप्पो को नौकरी व अन्य आर्थिक लाभ नहीं मिला है। इस संबंध में पूछे जाने पर विभाग ने बताया कि उनकी प्रतिनियुक्ति बिहार से झारखंड में हुई थी और बिहार सरकार से निरंतर पत्राचार के बावजूद कोई जवाब नहीं आ रहा है। इस वजह से शिकायतकर्ता के साथ साथ कुल छह लोगों का मामला पेंडिंग है। इसपर सीएम ने विभाग को अपने स्तर से बैठक कर एक माह के अंदर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया।
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समीक्षा के दौरान एचआईवी से पीड़ित सरायकेला-खरसावां के एक व्यक्ति के बेहतर इलाज के लिए सीएम रघुवर दास ने एक लाख देने की घोषणा की।
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पलामू जिला के अनूप कुमार सिंह और अशोक शर्मा, चैनपुर परियोजना बालिका उच्च विद्यालय में अगस्त 2011 में उक्त विद्यालय को बंद कर दिये जाने के बाद दोनों आदेशपाल ने विभाग से पद पर बने रहने के लिए अपील की परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। फरवरी 2015 में न्यायालय ने निदेशक, माध्यमिक शिक्षा को उक्त दोनों की नियुक्ति हेतु आदेश दिया, लेकिन इसके बाद भी नियुक्ति नहीं की गयी है। इससे जुड़ी शिकायत की समीक्षा के दौरान स्कूली शिक्षा एवं साक्षारता विभाग के डायरेक्टर ने बताया कि डीइओ से जांच का आग्रह किया गया था परंतु अब तक जांच रिपोर्ट अब तक पूरी नहीं हुई है। इसपर सीएम काफी नाराज दिखे और कहा कि डीइओ के अनुसार सरकार नहीं चलेगी। कहा कि आप सीधा एक्शन लें ।