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सरकार का रवैया शर्मनाक और पुलिस का चेहरा बेरहम, 24 घंटे में जोड़ें पास्को एक्ट :सुप्रीम कोर्ट

मुजफ्फरपुर अल्पावास गृह कांड में सरकार 24 घंटे के अंदर इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में सुधार कर उसमें ‘पास्को एक्ट’ की धाराएं भी लगाए लगाएं और ‘टीस’ की रिपोर्ट को भी जोड़ें…..

दिल्ली/पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। सप्रीम कोर्ट ने आज बिहार सरकार के रैवये को शर्मनाक और पुलिस का चेहरा बेरहम करार देते हुए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगायी है।

SC NITISH GOVसुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार को आदेश दिया है कि वह 24 घंटे के अंदर इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में सुधार कर उसमें ‘पास्को एक्ट’ की धाराएं भी लगाए लगाए और ‘टीस’ की रिपोर्ट को भी जोड़े।

सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आरोपित लोगों की गिरफ्तारी में हो रही देरी से भी खासा नाराज था। बिहार सरकार की ओर से आज इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव भी मौजूद थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने आज होने वाली सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने को कहा था।

कोर्ट ने राज्य के मुख्यसचिव को एफआईआर मामले में 24 घंटे के अंदर सुधार का निर्देश देते हुए पूछा कि ‘क्या बच्चे देश की अमानत नहीं हैं। क्या उन्हें या देश को भगवान ही बचा सकते है।’

सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर में सधार कर बुधवार को इस बाबत कोर्ट को जानकारी देने का आदेश मुख्य सचिव को दिया है।

सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार के बाद जहां सरकार सकते में आ गई है वहीं विपक्ष को इस मुद्दे पर सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि मामले के उजागर होने के दो माह बाद एफआईआर होना ही इसमें दोषियों को बचाने का षड्यंत्र दिख रहा था।

तेजस्वी ने कहा कि जिस जघन्य मामले में खुद सरकार शामिल है वह सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कैसे करेगी। तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर खुद हत्या के मामले में शामिल होने का आरोप लगाते हुए सारे मामलों में स्पीडी ट्रायल चलाने की मांग की।

इधर बिहार के समाज कल्याण मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को किसी तरह की फटकार नहीं लगाई है। सरकार इस मामले में अपना काम कर रही है।

इधर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सुप्रीम कोर्ट की फटकार पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भागवान भरोसे बिहार सरकार चल रही है। देश और दुनिया देख रही है कि यहां सरकार कैसे चल रही है। नीतीश कुमार को इस मामले में शर्म आनी चाहिए।

बुधवार को सुनवाई के दौरान एससी इस मामले में कुछ और महत्वपूर्ण आदेश पारित कर सकता है। बिहार सरकार के मुख्य सचिव को हाजिर होने का आदेश दिया है।

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