सांसद रामटहल चौधरी कर रहे हैं एड़ी-चोटी एक
रांची । आगामी 15 जून को ओरमांझी के एसएस हाई स्कूल में आयोजित विकास पर्व रैली को लेकर जिला ग्रामीण भाजपा द्वारा जिस तरह की तैयारी देखने को मिल रही है, उससे साफ प्रतीत होता है कि यह केन्द्र की मोदी सरकार के दो साल की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने की कवायद कम और स्थानीय सांसद रामटहल चौधरी द्वारा अपनी राजनीतिक ताकत दिखा कर कनीय पुत्र रण्धीर कुमार चौधरी को स्थापित करने जुगत अधिक है। हांलाकि इसमें वे कितना सफल हो पाएंगे, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
उल्लेखनीय है कि रणधीर कुमार चौधरी राजनीति में अचानक उस समय चर्चा में आ गए, जब एक बड़े खेमा के विरोध के बाबजूद रांची जिला ग्रामीण भाजपा के अध्यक्ष निर्वाचित होने में सफल रहे। जिसका असर आज भी अच्छा खासा देखने को मिल रहा है।
पार्टी कार्यकर्ता इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि अमुमन अपने कारोबार पेट्रोल पंप के एक कमरे में ही सिमित रहने वाले रणधीर कुमार चौधरी अचानक इतनी लंबी छलांग ली। लोगों में इस बात को लेकर काफी क्षोभ भी है कि रणधीर को सिर्फ सांसद पुत्र होने का सीधा लाभ मिला और पार्टी के लिए खून-पसीना एक करने वाले सक्रिय कार्यकर्ता उपेक्षित हो गए। पार्टी के राज्य-जिला स्तर से लेकर मंडल स्तर तक लोग अश्चर्यचकित थे कि आखिर ये सब हो क्या रहा है।
इन दिनों आगामी 15 जून को ओरमांझी में आयोजित प्रमंडलीय विकास पर्व रैली की तैयारी में सांसद रामटहल चौधरी भी जी जान से जुटे हैं। इस बाबत वे स्वंय जिले के छोटे-बड़े सभी बैठकों में शरीक हो रहे हैं। प्रायः सभी बैठकों में उनके करीबियों की ही अधिक सक्रियता दिख रही है।
राजनीतिक विश्लेष्कों का मानना है कि यह विकास पर्व रैली उनके राजनीतिक उतराधिकारी पुत्र के कद का माप भी करेगी। इसी का नतीजा है कि ग्रामीण भाजपा के मंडलों में नजदीकियों को अधिक तबज्जो दी गई है। प्रायः हर जगह से यह आरोप उठ रही है कि सक्रिय कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर सांसद अपने पुत्र के लिए आदेशपालक टीम का गठन करने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं।
विगत दिनों सक्रिय कार्यकर्ताओं की एक बड़ी संख्या ने इसकी शिकायत प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ताला मरांडी के सामने भी रखी। प्रदेश अध्यक्ष भी कार्यकर्ताओं की शिकायत पर हतप्रद रह गये। प्रायः शिकायत जिला ग्रामीण भाजपा द्वारा मंडल चुनावों में मनमानी बरतने को लेकर था।
अब देखना है कि तमाम समर्थन और विरोधों के बीच सांसद रामटहल चौधरी विकास पर्व के बहाने अपने पुत्र की राजनीति की कितनी मजबूत नींव रख पाने में सफल हो पाते हैं। लेकिन इतना तो तय है कि उनके सामने अचानक जिस तरह की परिस्थितियां सामने आ खड़ी हो गई है, विरोधियों को मात देने के लिए एड़ी-चोटी एक कर रहे हैं।