Home झारखंड बच्चों के परित्याग को रोकने की सशक्त आवश्यकताः सरयू राय

बच्चों के परित्याग को रोकने की सशक्त आवश्यकताः सरयू राय

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रांची। “जन्म के तुरन्त बाद बच्चों का परित्याग कर देना या फिर बच्चों को मरने के लिए बेसहारा छोड़ देने जैसी घटना हमारे समाज सदियों से होती थी, जिसे रोकने की सशक्त आवश्यकता है। ”

उक्त बाते संसदीय कार्य एवं खाद्य उपभोगता विभाग के मंत्री सरयू राय ने आड्रे हाउस में, आश्रयणी मीडिया एसोसिएट्स द्वारा आयोजित परित्यक्त शिशु हत्या विषय पर आयोजित दो दिवसीय कला एवं फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कही।

उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आधुनिक समाज में मीडिया एक ऐसा माध्यम बनता जा रहा है जिसके सहयोग से इस प्रकार की घटना को रोकने में निर्णायक भूमिका निभाएगी।

श्री राय ने आश्रायणी मीडिया के द्वारा इस विषय पर आयोजित फोटो प्रर्दशनी की तारीफ करते हुए कहा कि इस तरह का कार्यक्रम वैसे लोगों को एक रास्ता दिखाएगा, जो काफी दिनों से बन्द था।

श्री अनिल पाल्टा एडीजी, झारखंड ने इस संदर्भ व्यक्तव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस तरह की घटना को रोकने के लिए कानून में भी प्रावधान हैं। इसको लेकर कानूनविदों से लेकर आम लोगों तक सही जानकारी का घोर अभाव है।

पालोना की पहल का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा यह अपने आप में साहसिक एवं सराहनीय कदम है, जिसे समाज की इस विकृति को सबके सामने लाने का प्रयास किया गया है।

श्रीमती पूनम पांडे, अध्यक्ष, इप्सोवा ने कहा कि पालोना की इस पहल से समाज के उस रंग को भी सबके सामने लाने का प्रयास किया गया है, जो पूरी तरह से काला है। जो इस धरती पर जन्म लेता है, उसे निश्चित तौर पर जीने पूरा हक है।

बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने इस प्रयास मो सराहनीय बताया और कहा कि ये कोशिश बक्सहचो को बा हने की दिशा में मिल का पत्थर साबित होगी।

श्रीमती रंजना मल्लिक, कोषाध्यक्ष, इप्सोवा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पालोना की पहल एक सार्थक पहल है, जिसको उनका पूरा समर्थन है। वो इस तरह की समाज में हो रही अमानवीय घटनाओं का भरपूर रूप से निंदा करती हैं।

इस मौके पर मशहूर कला प्रेमी श्री हरेन ठाकुर, श्रीमती शर्मिला ठाकुर, श्री दिनेश सिंह, श्री गौतम बक्क्षी, श्री रामानुज शेखर, श्री विश्वनाथ चक्रवर्ती, श्रीमती निर्मला मिंज, श्री तपन दास, श्री उज्ज्वल घोष, श्री ध्रर्वे, श्री विनोद रंजन, श्री राकेश कुमार, श्रीमर्ती अर्चना दत्ता, श्रीमती ईशा अखौरी, श्री हरीश मिंज, श्रीमती अर्चना सिन्हा, श्री हिमाद्री रमाणी, श्री मनोज सिन्हा, श्रीमती शिल्पी रमानी, श्रीमती सपना दास, श्री शशि शेखर, श्री दयाल साव, श्री सजित मिंज, श्री दीपांकर कर्माकर आदि ने अपनी कला के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. सुनीता यादव, श्री अमित कुमार, श्री हरेन ठाकुर, श्री बिनोद रंजन, श्री दिनेश सिंह, श्री रामानुज शेखर, नयन शार्य, शाहीन जमां, आसिफ जमां का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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