रांची। आश्रयणी मीडिया एसोसिएट्स की पहल और इप्सोवा द्वारा समर्थित मुहिम पालोना परित्यक्त शिशु हत्या के विषय पर 10 और 11 दिसंबर को ऑड्रे हाउस में आयोजित दो दिवसीय कला एवं फोटो प्रदर्शनी का रविवार को समापन हो गया। समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुण्डा थे। इनके अलावा कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर मेयर आशा लकड़ा और आरती कुजुर के तौर पर उपस्थित थे।
अर्जुन मुण्डा ने हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए स्लोगन बोर्ड पर हस्ताक्षार किया। इसके अलावा उन्होंने कौनवस पर भी चित्र उकेरते हुए लहरो में फंसे कश्ती में घबराये बच्चे का चित्र उकेरा।
बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस विषय पर यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया है उस विषय पर एक मंझे हुए कलाकर ही कैनवस के उपर अपने विचार उकेर सकते है। हम जैसे आम इनसानों से ये नहीं हो पायेगा।
10 और 11 दिसम्बर को मानव अधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में सबसे बड़ा यह सवाल उठता है कि जिनके पास अपनी खुद की आवाज नहीं है उनकी अवाज बनेगा कौन। आश्रयणी मीडिया एसोसिएट्स की यह एक सार्थक पहल है।
मेयर आशा लकडा ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एक मां जहां अपने बच्चे को बिना सोचे मरने के लिए फेक देती है वही हमारे बीच में एक और मां भी है जो उसे अपने आंचल में जगह देने में भी देरी नहीं करती है। यह कार्यक्रम उन मां के साथ उन दुध मुंहे बच्चे को भी सम्मान देने की एक अच्छी पहल है। आशा लकड़ा ने भी हस्ताक्षर अभियान का समर्थन किया।
समापन कार्यक्रम में समाज कल्याण पदाधिकारी संजीव लाल, दूरदर्शन केन्द्र निदेशक पीके झा, हरेन्द्र सिन्हा, आर्टिस्ट अमिताव मुखर्जी, आर्टिस्ट प्रवीण कर्माकर के साथ और भी कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मशहूर कला प्रेमी श्री हरेन ठाकुर, श्रीमती शर्मिला ठाकुर, श्री दिनेश सिंह, श्री रामानुज शेखर, श्री उज्ज्वल घोष, श्री विश्वनाथ चक्रवर्ती, श्रीमती निर्मला मिंज, श्री गौतम बक्क्षी, श्री तपन दास, श्री ध्रुव, श्री विनोद रंजन, श्री राकेश कुमार, श्रीमती अर्चना दत्ता, श्रीमती ऐसा अखौरी, श्री हरीश मिंज, श्रीमती अर्चना सिन्हा, श्री हिमाद्री रमाणी, श्री मनोज सिन्हा, श्रीमती शिल्पी रमानी, श्रीमती सपना दास, श्री शशि शेखर, श्री दयाल साव, श्री सजित मिंज, श्री दीपांकर कर्माकर आदि कलाकारों का प्रमुख योगदान रहा, जिन्होंने अपनी कला के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ0 सुनीता यादव, प्रोजेश दास, श्री अमित कुमार, शाहीन जमां, आसिफ जमां का महत्वपूर्ण योगदान रहा।