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जन अदालत में बोले नालंदा के किसान- बिना सरकारी दर घोषित के नहीं देगें जमीन  

नालंदा (राम बिलास)। जमीन अधिग्रहण करने के पहले सरकार प्रस्तावित जमीन का दर घोषित करे। तभी सूरजपुर और बड़गांव मौजा के किसान सरकार को जमीन देने पर विचार करेंगे।

बुधवार को नालंदा में आयोजित जन अदालत में सिलाव अंचलाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में ग्रामीणों ने यह एलान किया।

nalanda news 1नव नालंदा महाविहार डीम्ड विश्वविद्यालय के विस्तार लिए 10  एकड़ जमीन का अधीग्रहण होना है। इसी वावत चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, पटना के द्वारा मुजफ्फरपुर के सामुदायिक भवन में जन अदालत का आयोजन किया गया था। इस जन अदालत में सिलाव ब्लौक के सूरजपुर और बड़गांव मौजा के करीब 100  किसान शामिल हुए।

किसानों ने कहा कि सरकार द्वारा जमीन का बजिव दर निर्धारित होने के बाद ही जमीन देंगे। किसानों कि शिकायत है कि सरकार जमीन तो लेती है लेकिन, मुआवजा भुगतान करने में दोहरी नीति अपनाती है। इस बार ऐसा नहीं होने देंगे। कपटिया,  मुजफ्फरपुर और मुर्गीयाचक के करीब 50 किसानों की जमीन का अधिग्रहण होना है।

इनमें प्रस्तावित जमीन का करीब आधा कपटिया के रामषरण प्रसाद, द्वारिका प्रसाद, शिवनन्दन प्रसाद, अरूण कुमार और रधिया देवी की है। महाविहार कर्मियों के चार घर छोड़कर जमीन अधिग्रहण की इस कार्रवाई से ग्रामीण गहरे नाराज हैं।  वे इसे अधिकारियों की दोहरी नीति मानते हैं।

किसान रामशरण प्रसाद ने कहा कि प्रस्तावित जमीन आवासीय भूमि के श्रेणी में आता है और वाणिज्यिक ढांचे वाले मुख्य मार्ग के नजदीक है। सरकार ने प्रस्तावित जमीन का अभी दर निर्धारित नहीं किया है। इससे किसान असमंजस में हैं।

उन्होंने बताया कि प्रस्तावित स्थल से दो सौ मीटर के क्षेत्र में घर बने हैं। इसलिए वह आवासीय माना जायेगा। इसके अलावे महाविहार कर्मियों का चार घर तो उसी एराजी पर बने हैं।

उन्होंने प्रभावित किसानों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी प्रस्ताव रखा। 2016-17 में बड़गांव मौजा की जमीन का मुआवजा 1.30  लाख रूपये प्रति डीसमील भुगतान किया गया ,जबकि बगल के खेत जो मोहनपुर मौजा में है का 1.95 लाख प्रति डीसमील भुगतान किया गया। इसमें 65 हजार का अन्तर है। यह सरकार कि देहरी नीति नही तो अैर क्या है।

हालांकि लोक सुनवाई के दौरान अधिकरियों ने किसानों को आस्वस्त किया कि उनके साथ इंसाफ किया जायेगा। किसानों ने कहा कि अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित जमीन पर तीन फसल होते हैं।

आषुतोष झा ने कहा कि इसी मौजा में जया कुमारी चैधरी ने 15.5  डीसमील जमीन 19.38 लाख रूपये में खरीदी है। कम से कम इस दर से किसानों के प्रस्तावित जमीन का दर तय किया जाना चाहिए।

इस जन अदालत में सिलाव के सीओ शैलेश कुमार सिंह, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थन के प्रो. रंजीत तिवारी, जिला भू-अर्जन कार्यालय के प्रतिनिधि कानूनगो सुबोध कुमार, नव नालंदा महाविहार डीम्ड विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि डा. अशोक कुमार, सूरजपुर पंचायत के मुखिया पप्पु कुमार आदि शामिल थे।

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