राजनीतिदेशबिग ब्रेकिंगबिहार

उपेन्द्र कुशवाहा ने भाजपा के सिर फोड़ा अपनी हार का ठीकरा, कहा पवन सिंह फैक्टर…

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार में एनडीए के प्रमुख घटक रालोमो अध्यक्ष और काराकाट से एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा ने चुनावी हार के बाद बड़ा आरोप लगाया है औऱ कहा है कि यह सबको पता है। सोशल मीडिया का जमाना है। किसी को बताने की जरूरत नहीं है।

दिल्ली रवानगी के पहले पटना हवाई अड्डे पर संवाददाताओं ने जब उनसे चुनावी हार के कारण जानने चाहा तो उपेंद्र कुशवाहा ने काराकाट में उनकी हार में पवन सिंह फैक्टर के सवाल पर दो टूक कहा कि पवन सिंह फैक्टर बना कि उसे बनाया गया, यह सबको मालूम है।

किसने बनाया? इस सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि काराकाट का बच्चा-बच्चा यह जानता है। आज कल सोशल मीडिया का जमाना है। हाई टेक्नोलॉजी है। सब लोगों को सबकुछ मालूम है।

क्या इसकी शिकायत एनडीए के भीतर करेंगे? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसमें बताने की क्या बात है। किसी को कुछ बताने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि पवन सिंह को चुनावी रण में उतारा गया था। किसी को कुछ बोलने और बताने की जरूरत नहीं है। हार की वजह सब लोगों को मालूम है, हमको कहने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि फैक्टर बना या बनाया गया, यह सबको मालूम है। फिलहाल काराकाट में एक निर्दलीय उम्मीदवार के मैदान में आने संबंधी मसला पर चर्चा एनडीए की बैठक का एजेंडा नहीं है।

बता दें कि काराकाट लोस सीट पर उपेन्द्र कुशवाहा तीसरे स्थान पर रहे हैं उपेंद्र कुशवाहा (रालोमो), राजाराम सिंह एवं (भाकपा माले) पवन सिंह (निर्दलीय) को क्रमशः 3,80,581 वोट, 2,53,000 वोट एवं 2,74,723 वोट मिले हैं। भोजपुरी गायाक अभिनेता पवन सिंह भाजपा के मना करने के बाद भी निर्दलीय डटे रहे हैं।

बता दें कि इसके पहले वर्ष 2014 के आम लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे और केंद्र में मंत्री ने थे। इस बार एनडीए में उन्हें एक बार फिर काराकाट से उम्मीदवार बनाया गया।

यहां सातवें और अंतिम चरण में एक जून को चुनाव हुआ। उनके मुकाबले महागठबंधन से भाकपा माले से राजाराम सिंह उम्मीदवार बनाये गये। नामांकन के अंतिम समय में पवन सिंह निर्दलीय उम्मीदवार बन गये।

पहले लगा कि पवन सिंह मान जायेंगे। लेकिन, उनके नहीं मानने पर भाजपा ने पवन सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसके बावजूद पवन सिंह अड़े रहे। चुनाव में दो लाख 74 हजार 723 वोट लाकर वे दूसरे स्थान पर रहे। वहीं दो लाख 53 हजार वोट पाकर उपेंद्र कुशवाहा तीसरे नंबर पर रहे।

वहीं निर्दलीय पवन सिंह के मैदान में डटे रहने और उन्हें मनाने की कोशिश नहीं होने के चलते सातवें चरण में जहां काराकाट से एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा को हार का सामना तो करना ही पड़ा, इसी चरण में आरा, बक्सर और सासाराम में भी वोटिंग पैटर्न पर भी उसका असर पड़ा और भाजपा वहां से हार गयी।

इंडिया ने झारखंड चुनाव आयोग से निशिकांत दुबे को लेकर की गंभीर शिकायत

झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने किया गिरफ्तार

चाईबासा चुनावी झड़पः ग्रामीणों ने गीता कोड़ा समेत 20 भाजपा नेताओं पर दर्ज कराई FIR

मनोहर थाना पुलिस ने FIR दर्ज कर गोड्डा सासंद को दी गिरफ्तार करने की चेतावनी

भाजपा की 370 सीट लाने का दावा पर प्रशांत किशोर ने दिया बड़ा बयान

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
भयानक हादसा का शिकार हुआ तेजस्वी यादव का जन विश्वास यात्रा काफिला These 5 science museums must be shown to children once The beautiful historical Golghar of Patna Naxalite bunker and camp demolished in forested hilly area of Jharkhand