देश

हाईकोर्ट से लाठी के साथ मार्च की अनुमति नहीं मिलने के बाद आरएसएस ने रद्द किया राज्यव्यापी आयोजन

चेन्नई (इंडिया न्यूज रिपोर्टर)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शनिवार को कहा कि वह छह नवंबर को होने वाले अपने प्रस्तावित मार्च (पथ संचलन) का आयोजन नहीं करेगा, क्योंकि इस संबंध में मद्रास हाईकोर्ट द्वारा लगाई गईं कुछ शर्तें उसे ‘स्वीकार्य नहीं’ हैं।

आरएसएस दक्षिण जोन के अध्यक्ष आर. वन्नियाराजन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील की जाएगी।

उन्होंने कहा कि संगठन ने दो अक्टूबर को राज्य में 50 स्थानों पर मार्च निकालने की पुलिस द्वारा अनुमति न मिलने के बाद अदालत का रुख किया था। अदालत ने रविवार के लिए कार्यक्रमों को मंजूरी दी थी।

वन्नियाराजन ने कहा, ‘अदालत ने कल (चार नवंबर) दिए आदेश में कहा कि रैली इंडौर स्टेडियम या चारदीवारी के भीतर निकाली जानी चाहिए, जो हमें स्वीकार्य नहीं है।’

उन्होंने कहा कि केरल, पश्चिम बंगाल और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में ऐसे मार्च खुले स्थानों पर निकाले जाते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील करने जा रहे हैं। अत: छह नवंबर को होने वाली रैलियां आयोजित नहीं की जा सकती हैं।’

आरएसएस के एक सूत्र ने पहले पुष्टि की थी कि संगठन ने मार्च निकालने और जनसभाएं आयोजित करने के कार्यक्रम को स्थगित करने का फैसला किया है। हाईकोर्ट ने तमिलनाडु में 50 के बजाय 44 स्थानों पर कुछ शर्तों के साथ इन कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति दी थी।

मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस को निर्देश दिया था कि वह आरएसएस को छह नवंबर को राज्य में 44 जगहों पर ‘मार्च’ निकालने और जनसभाएं करने की अनुमति दे।

न्यायमूर्ति जीके इलानथिरैयां ने महज खुफिया विभाग की सूचनाओं के आधार पर राज्य में 47 जगहों पर रैली की अनुमति नहीं देने को लेकर पुलिस को फटकार लगाने के बाद उक्त निर्देश जारी किए थे। खुफिया विभाग ने भी तमिलनाडु में कुछ ही जगहों के संबंध में अपनी सूचना दी थी।

न्यायाधीश ने कहा था कि राज्य में उन छह जगहों पर रैलियों की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि जहां हालात सही नहीं हैं। यह छह जगह कोयंबटूर, मेत्तुपलयाम, पोल्लाची (तीनों कोयंबटूर जिले में), तिरुपुर जिले में पल्लादम, कन्याकुमारी जिले में अरुमनाई और नागरकोईल हैं।

अदालत ने कहा था कि अगर इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन होता है तो संबंधित पुलिस अधिकारी कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, रैली को इंडौर स्टेडियम या चारदीवारी के भीतर निकाने जाने के अलावा मद्रास हाईकोर्ट ने आदेश में कहा था, ‘जुलूस और जनसभा आयोजित करने के लिए आगे बढ़ते समय प्रतिभागियों को अपने-अपने वाहनों से जाना होगा, जिससे आम जनता और यातायात में कोई बाधा न आए।’

आदेश में एक और शर्त थी, जो कथित तौर पर आरएसएस नेतृत्व को पसंद नहीं आई, वह यह थी कि कोई भी प्रतिभागी अपने साथ लाठी या हथियार नहीं लाएगा, जिससे किसी को चोट लग सकती है।

तमिलनाडु में आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता ने सवाल उठाया, ‘अगर हम मार्च को सड़क पर नहीं निकाल सकते और लाठियां नहीं ले जा सकते तो हम पूरे राज्य में इस क्यों आयोजित करेंगे?’ ( इनपुटः द वायर)

 

Related Articles

Back to top button
Ashoka Pillar of Vaishali, A symbol of Bihar’s glory Hot pose of actress Kangana Ranaut The beautiful historical Golghar of Patna These 5 science museums must be shown to children once