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यूं बहुमुखी प्रतिभा की धनी थी फिल्म ‘शातिर गुनहगार’ में जज बनी पत्रकार कल्पना शर्मा

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“हाल के दिनों में फिल्म शातिर गुनहगार में बतौर जज के रूप में अपनी भूमिका अदा करने का उन्हें मौका मिला।  यह फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज हुई थी। इसके अलावे उन्हें अंतर्राष्टीय महिला दिवस के मौके पर रोटरी क्लब ऑफ़ बिहार शरीफ द्वारा पत्रकारिता में महत्वपूर्व योदान देने के लिए सम्मानित किया गया

alpna sharma 1एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। नालंदा जिले के वरिष्ठ पत्रकार दीपक विश्वकर्मा की धर्मपत्नी कल्पना शर्मा की असामयिक निधन पर बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ,सांसद कौशलेंद्र कुमार ,विधायक रवि ज्योति, सत्तारूढ़ दल की सचेतक रीना यादव ,पूर्व विधायक  इंजीनियर सुनील,पूर्व विधान पार्षद राजू यादव, झारखंड सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति के मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ,नालंदा के डीएम योगेंद्र सिंह, स्नातक अधिकार मंच के संयोजक दिलीप कुमार, झारखंड श्री राम ग्रुप के चेयरमैन अनूप संथालिया, पावापुरी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ पीके चौधरी, प्रख्यात चिकित्सक डॉ श्याम नारायण प्रसाद ,इनरव्हील क्लब की पूर्व अध्यक्ष डॉ सुनीति सिन्हा ,आरपीएस ग्रुप के चेयरमैन अरविंद कुमार सिंह, डॉ बीबी  सिन्हा, डॉ अवधेश प्रसाद इनरव्हील क्लब की  पूर्व अध्यक्ष मंजू प्रसाद,रोटरी क्लब के सेक्रेटरी रवि चंद समेत जिले के नेताओं बुद्धिजीवियों समेत देश के जाने-माने पत्रकारों ने भी उनके निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की है।

कल्पना शर्मा न केवल एक कुशल ग्रहणी साबित हुईं, बल्कि उन्होंने अपने जीवन में कई ऐसे  कार्य किए, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। हिंदी की विद्वान कल्पना शर्मा स्थानीय न्यूज़ चैनल न्यूज़ टुडे की चीफ एडिटर के साथ-साथ एंकर भी रही।  

उन्हें  इनरव्हील क्लब ऑफ बिहार शरीफ की तत्कालीन अध्यक्ष मंजू प्रसाद ने वर्ष 1996 में अनरेवल मेंबर बनाया। उसके बाद उन्होंने हैंडीक्रफ्ट शिक्षा के लिए कोचिंग खोला। साथ ही उन्होने स्थानीय गढ़ पर अपना एक ब्यूटी पार्लर खोला।

कल्पना शर्मा एक कुशल पत्रकार के साथ साथ एक कुशल गृहिणी भी साबित हुई। उनका जन्म मुंगेर में 13 जनवरी 1965 को हुआ था। धनबाद कृषि विद्यालय के पोस्टिंग इंस्ट्रक्टर राम नगीना प्रसाद यह बड़ी पुत्री थी। 

उनकी प्रारंभिक शिक्षा मोकामा के राजकीय कन्या विद्यालय में हुई  मैट्रिक की परीक्षा में उन्होंने सर्वाधिक अंक प्राप्त कर अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया। उसके बाद इंटर की परीक्षा इन्होंने राम रतन सिंह कॉलेज बाढ़ में  की।

5 जुलाई 1982 को उनका विवाह बिहार शरीफ के दीपक विश्वकर्मा के साथ संपन्न हुआ। उसके बाद भी इन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखा और नालंदा महिला कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई की।

उनके दो पुत्री और एक पुत्र है। आर्थिक रूप से कमजोर रहने के बाद भी उन्होंने अपने बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करवाया।  बड़ी पुत्री कस्तूरी  शर्मा को दिल्ली के आदिति गर्ल्स कॉलेज मासकॉम  की शिक्षा  दिलवाई। कस्तूरी देश के बड़े चैनल आज तक में भी अपना योगदान दे चुकी हैं।  

दूसरी पुत्री कस्तूरी शर्मा को उन्होंने देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान अमेटी यूनिवर्सिटी नोएडा से मीडिया मैनेजमेंट का कोर्स करवाया और छोटे पुत्र को गुड़गांव के मानव रचना यूनिवर्सिटी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा दिलाई।

38 वर्षो के सफर में इन्होने कभी भी सुख-दुःख दोनों समय अपने पति का साथ निभाया और अंततः 20 जुलाई 2020 को लंबी बीमारी के बाद दुनिया को अलविदा कह गई।

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