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छात्रों की पीड़ा ने मुझे विषैला बना दिया है, सरकार की तानाशाही से डर नहीं लगता : देवेन्द्र नाथ महतो

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रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड नियोजन नीति रद्द होने से अत्यधिक पीड़ित दु:खित छात्र नेता देवेन्द्र नाथ महतो उसी दिन फेसबुक लाइव के माध्यम से 17 दिसंबर  को झारखंड के छात्रों को एकजुट होकर जंग ए ऐलान करने का संदेश दिया।

देवेंद्र नाथ महतो के एक आह्वान पर 17 दिसम्बर  को हजारों छात्र अल्बर्ट एक्का चौक मैन रोड रांची में एकजुट होकर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का पुतला दहन कर  पूरी तरह 2 घंटा सड़क जाम कर दिया गया।

अगले दिन 18 दिसम्बर को झारखंड के पितामह माने जाने वाले बिनोद बिहारी महतो के पुण्य तिथि के अवसर पर मोराबादी बापू वाटिका में बैठक कर 19 दिसम्बर को हजारीबाग में आक्रोश रैली तथा 21 दिसम्बर झारखंड विधान सभा घेराव करने का निर्णय लिया गया।

19 दिसम्बर को हजारीबाग के सड़क पर उतरे हजारों छात्र को देवेंद्र नाथ महतो संबोधित करते हुए जोश भरते हुए कहा कि संघर्ष तथा अपनी मांग को अंजाम तक पहुंचाने के विधान सभा घेराव में संपूर्ण झारखण्ड के छात्रों को पहुंचने का अपील किया।

देवेंद्र नाथ महतो ने सिर्फ दो दिन में ही छात्र को इस तरह एकजुट किया कि सरकार डर गई और रातों रात उनको मोराबादी के उस जगह से गिरफ्तार किया। जहां पहले वे कभी नहीं रहा था। गुप्त जगह से हिरासत में ले लिया, उनके पास सिर्फ तीन चीज था, एक गाड़ी, एक मोबाइल और वह खुद आदमी, देवेंद्र नाथ महतो के इन तीनों चीजों को तीन थाना में जब्तकर रखा गया, उसका गाड़ी को मोराबादी टीओपी में, उनका मोबाइल को लालपुर थाना में तथा खुद उन्हें चुटिया थाना में हिरासत में रखा गया।

फिर भी देवेंद्र नाथ महतो ने छात्रों का ऐसा फौज तैयार करके रखा था कि उनकी अनुपस्थिति के बावजूद सभी जिलों से हजारों छात्र रांची पहुंच कर देवेंद्र नाथ महतो द्वारा आह्वान आन्दोलन को सफल बनाया।

सीधा साधा शांत स्वभाव साधु सन्यासी जैसा जीवन यापन करने वाले देवेन्द्र नाथ महतो ने बताया कि छात्रों के पीड़ा दुःख तकलीफ ने अब मुझे ऐसा विषैला बना दिया है कि अब मुझे सरकार की तानाशाही रवैया से डर नहीं लगता हैं।

उन्होंने कहा कि  सरकार सुप्रीम कोर्ट ना जाकर झारखंडी हित में संपूर्ण रूप से संवैधानिक खतियान आधारित नियोजन लागू करके 5 वर्षों का उम्र सीमा में छूट देकर तत्कत सभी रिक्त पदों का बहाली किया जाय।

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