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सुशासन का भयावह चेहरा, लॉकडाउन में एंबुलेंस तक न मिला, मां की गोद में उड़े मासूम के प्राण पखेरु

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बिहार में सुशासन की सरकार है। 15 साल के राज में सारी व्यवस्था दुरुस्त है। हर क्षेत्र में विकास की नई ईबारत लिखी गई है। लेकिन इस लॉकडाउन में वैसे हर दावों की हर तरफ पोल खुल रही है, जो गोदी मीडिया द्वारा रचित-कल्पित है। अब जहानाबाद जिले से जो खबर आई है, सरकार  और उसके नुमाइंदों को भले ही शर्मसार न करे, लेकिन घरों में डरे-सहमें करोड़ों लोंगो की आंख जरुर नम कर जाती है…”

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। खबर है कि बिहार के जहानाबाद जिले में समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण सदर अस्पताल में एक मासूम सरकारी अस्पताल की कुशासनिक व्यवस्था की भेंट चढ़ गया।

मासूम को घर से अस्पताल पहुंचने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली और फिर बाद में सदर अस्पताल से पटना जाने के लिए भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सका। बुखार और सांस लेने में तकलीफ के कारण बच्चे ने बेहतर इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया।

अरवल जिले के कुर्था थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव निवासी गिरिजेश कुमार अपने 3 साल के पुत्र ऋषि कुमार को लेकर इलाज के लिए शुक्रवार को जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंचा। बच्चे को तेज बुखार था और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।

बच्चे की हालत गंभीर से जिसके कारण जहानाबाद सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे पटना रेफर कर दिया। लेकिन काफी इंतजार के बाद भी जब उसे एंबुलेंस नहीं मिला तो मासूम की सांस उसका साथ छोड़ने लगी। अंततः उस मासूम के प्राण-पखेरु उखड़ गए।

जबकि जहानाबाद सदर अस्पताल 55 सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध है। इसके बावजूद सही समय पर गरीबों को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाई। इस कारण उस बच्चे की मौत हो गई।

सदर अस्पताल के अधीक्षक की दलील है कि दोपहर में बुखार से पीड़ित एक बच्चा इलाज के लिए आया था। उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी बच्चा काफी सीरियस था। प्राथमिक उपचार के बाद उसको पीएमसीएच रेफर कर दिया था। अब उसे किस कारण एंबुलेंस नहीं मिला। इसकी जांच कराई जाएगी।crupt system 3

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