“वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर झारखंड सरकार के निर्देश पर सभी जिलों के उपायुक्तों को फरमान जारी किया गया है, ताकि पूरे राज्य में कहीं भी कोई भूखा ना रहे…”
सरायकेला (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। इधर कल ही सरायकेला जिले के उपायुक्त ने तमाम मातहतों के साथ आम बैठक कर सरकार के फरमान को तत्काल लागू करने का निर्देश जारी किया।
जहां कल बीडीओ ठाकुर गौरीशंकर ने दावा किया था कि हर जरूरतमंदों को शुद्ध और स्वच्छ खाना उपलब्ध कराया जाएगा, इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया था कि जिन जरूरतमंदों के पास पैसे नहीं होंगे उनके पैसे भी चुकाए जाएंगे, लेकिन वह दावा 24 घंटे के भीतर खोखला नजर आने लगा।
प्रखंड कार्यालय में स्थित मुख्यमंत्री दाल-भात कैंटीन में भोजन तो बना लेकिन चावल के पांच रुपए और चोखा के पांच रुपए यानि एक प्लेट खाने के दस रुपए चुकाने पड़े। उसमें भी खाने में नमक है तो हल्दी नहीं, हल्दी है तो नमक नहीं, आधा पका हुआ खाना गरीबों को परोसा गया।
जहां पूर्ण रूप से लॉक डाउन की स्थिति में गरीब जरूरतमंद यही खाना खाने को विवश नजर आए। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि सरकार के फरमान को सरकारी महकमे के अधिकारी ही किस तरह से अमल में ला रहे हैं।
वैसे कहीं कोरा आश्वासन कागजों और दावों तक ही न सिमटकर रह जाए सरकार और जिला प्रशासन को इसे गम्भीरता से लेने की जरूरत है।