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राजद सुप्रीमो लालू यादव पर रिम्स का किराया मद में  97 हजार बकाया, कौन देगा?

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद जेल गए। जेल जाने के कुछ ही देर बाद 15 फरवरी 2022 को उनके स्वास्थ्य को देखते हुए रिम्स ले आया गया

रिम्स के पेइंग वार्ड में कमरा संख्या ए-11 में वे भर्ती हुए। पेइंग वार्ड के कमरे में फ्रिज, टीवी, एसी, गीजर समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सुविधा मिलती है। कमरे का किराया एक हजार रुपए है। लालू प्रसाद 15 फरवरी से 23 मार्च तक, यानी 52 दिनों तक पेइंग वार्ड के कमरे में रहे। उन्होंने किराए के रूप में रिम्स प्रबंधन को 52 हजार का भुगतान किया।

लालू प्रसाद के जाने के बाद रिम्स प्रबंधन पेइंग वार्ड के एक और कमरे के किराया भुगतान के लिए भटक रहा है। लालू प्रसाद पेइंग वार्ड के कमरा संख्या ए-11 में थे, उसके ठीक बगल में ए-10 कमरे पर उनके लोगों ने राजद सुप्रीमो का सामान रखकर कमरे को अपने कब्जे में कर लिया।

लालू प्रसाद यादव 23 मार्च को एम्स चले गए। उन्होंने अपना कमरा छोड़ दिया। मगर उनके नाम पर जो दूसरा कमरा, उनका सामान रख कर कब्जे में 23 मार्च से 27 जून तक रखा गया, अब रिम्स प्रबंधन उस कमरे के किराए के लिए भटक रहा है।

लालू यादव के दिल्ली जाने के बाद कुल 97 दिनों तक ए-10 पर उनके सामान की वजह से कमरे कब्जे में रहा। एक प्रकार से लालू प्रसाद यादव के नाम पर रिम्स प्रबंधन ने ए-10 कमरा छोड़ दिया। जितने दिन कमरा लालू प्रसाद के नाम पर कब्जे में रहा, उस अवधि का किराया 97 हजार रुपया होता है। यह किराया कौन देगा‌, लालू प्रसाद यादव या

रिम्स प्रबंधन ने ए-10 कमरा में रखे लालू प्रसाद यादव का सामान 27 जून 2022 को बाहर निकलवाया। ऐसे में पेइंग वार्ड के एक कमरे में 97 दिनों तक कब्जा रहा। मगर रिम्स प्रबंधन को यह कब्जा नहीं दिखा। अब रिम्स प्रबंधन उस कमरे को खाली कराने के बाद, किराया भुगतान के लिए परेशान है। अब यह किराया कौन देगा? सबसे बड़ा सवाल है।

इस मामले में रिम्स प्रबंधन का क्या कहना है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए रिम्स के उपाधीक्षक लेफ्टिनेंट कर्नल शैलेश त्रिपाटी से बातचीत की।

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस मामले की जानकारी उन्हें नहीं है। आप रिम्स के पीआरओ से बात करिए। रिम्स के पीआरओ डॉ कृष्ण कुमारी से संपर्क किया गया। डॉ कृष्ण मुरारी ने भी लालू प्रसाद यादव के मामले में कुछ भी कहने से मना कर दिया।

उन्होंने कहा कि कुछ भी जानकारी नहीं है। लालू प्रसाद यादव का सामान पेइंग वार्ड के कमरा नंबर ए-10 में 97 दिनों तक किसके आदेश से रखा रहा? कमरा का किराया कौन देगा? लालू प्रसाद यादव का प्रभाव आज भी इतना है कि इन सवालों का जवाब रिम्स के जिम्मेवार देने से बच रहे हैं।

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