बिहार सरकार के निदेशक कार्पालक प्रशासन, संसदीय सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग ने कार्यालय पत्रांक-3322 दिनांक- 30.06.2016 को ही बिना सरकारी अनुमति के राजगीर महावीर के जन्म भूमि के मुख्य मार्ग एन.एच-82 पर मांस, मछली आदि की बिक्री बंद करने का आदेश दिया था।
उस आदेश के आलोक में नालंदा जिला प्रभारी गोपनीय शाखा के पत्रांक 3896 दिनांक 14.06.2017 को एक आवश्यक संसाधनों समेत एक टीम का गठन किया गया।
इस टीम में राजगीर नगर पंचायत प्रबंधक विनय राजन, कनीय अभियंता कुमार आनंद, लीइसेंस जमादार उपेन्द्र कुमार सिंह, लिपीक चंदन कुमार, वार्ड जमादार सचिन कुमार, सभी मजदूर एवं चालक समेत सभी ट्रैक्टर को शमिल किया गया था।
लेकिन कहते हैं कि राजगीर महावीर के जन्म भूमि के मुख्य मार्ग एन.एच-82 पर मांस, मछली आदि की बिक्री की दुकानों को हटाने वाली गठित टीम कभी कोई हलचल की ही नहीं और सब कुछ कागजों पर ही निपटा दिया।
आज हालत यह है कि राजगीर के पावन मार्गों पर मांस-मछली की दुकानें सरेआम सजी पड़ी है और उधर, नगर पंचायत के भ्र हटाने की आड़ में सरकारी खजाना की डकार ले रहे हैं।