पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर फिर से एक अहम बयान दिया है, जिसमें उन्होंने विभाग की नई पॉलिसी के संबंध में कई महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं।
मंत्री ने कहा कि इस पॉलिसी को लागू करने से पहले सभी शिक्षक संघों की राय और सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना गया था। जिसके बाद एक संतुलित और शिक्षकों की आवश्यकताओं के अनुरूप नई पॉलिसी को तैयार किया गया है।
उन्होंने बताया कि पॉलिसी के तहत महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों, गंभीर बीमारियों से ग्रसित शिक्षक और पति-पत्नी को विशेष रूप से चॉइस पोस्टिंग का अवसर दिया गया है, जिससे अधिकांश शिक्षक संतुष्ट हैं।
मंत्री ने कहा कि हर पॉलिसी में कुछ लोग असंतुष्ट रह जाते हैं, लेकिन यह स्वाभाविक है। अगर किसी तरह की खामियां हैं तो हम समय के साथ उन पर काम करेंगे और जरूरी सुधार करेंगे।
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल ट्रांसफर आवेदन की तिथि बढ़ाने का कोई विचार सरकार के पास नहीं है। साथ ही नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के मुद्दे पर भी मंत्री ने कहा कि यह शिक्षकों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम है। ताकि उन्हें लाभ होगा।
कुछ शिक्षक कोर्ट जाने की योजना बना रहे हैं? इस पर मंत्री ने इसे उनकी निजी स्वतंत्रता बताया और कहा कि सरकार शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
बहरहाल, शिक्षा जगत में इस पॉलिसी को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं, लेकिन कुल मिलाकर ज्यादातर शिक्षक इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं।
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