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गोपालगंज CJM के सामने बिलख पड़ी पुलिस- माफ कर दीजिए हुजूर,गलती हो गई, जाने रोचक मामला

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पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के गोपालगंज में पिछले पांच वर्षों से दुबई में फंसे युवक के मामले में भोरे थाना पुलिस ने सीजेएम मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट में पड़ी और अपनी गलती मानते हुए कोर्ट को बताया कि मानवीय चूक के कारण दूसरे केस की डायरी का नंबर दर्ज हो गया था। इस केस में अभी तक कोर्ट को डायरी नहीं सौंपी गयी है।

तत्कालीन पुलिस पदाधिकारी द्वारा पासपोर्ट सत्यापन तथा पासपोर्ट रिन्युल के समय जो आरोप पत्र संख्या का उल्लेख किया गया है वह दूसरे कांड से संबंधित है, जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया है।

कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि तत्कालीन पुलिस पदाधिकारी का यह कृत्य घोर उपेक्षा व अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही है, जिससे एक युवक विदेश में धूल फांक रहा, तो दूसरा गांव में रोजगार के लिए भटक रहा है।

गोपालगंज एसपी को दिया निर्देशः कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि अभियुक्त मनोज साह के पासपोर्ट रिन्युल के संबंध में तत्कालीन पुलिस पदाधिकारी द्वारा जो मिथ्या रिपोर्ट संलग्न कर दी गयी थी, जिसके फलस्वरूप उसका आवेदन निरस्त हो गया था, उस गलती को ठीक कर उसे विदेश से बुलाने का इंतजाम कराएं।

साथ ही तत्कालीन पुलिस पदाधिकारी जिनकी भी संलिप्तता है उनके विरुद्ध अपने स्तर से सम्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें व कोर्ट को भी अवगत कराएं।

डीएसपी से जांच कराने के आदेश के बाद सच आया सामनेः पुलिस ने मामलों की जब सूक्ष्मता से जांच की तो स्पष्ट हुआ कि जिस आरोप पत्र संख्या 191/2019 दिनांक 30 जून 2019 का उल्लेख तत्कालीन आइओ वकलम मांझी ने कर दिया था।

वह भोरे थाना कांड संख्या 87 / 18 से संबंधित है ही नहीं। वह भोरे थाना कांड संख्या 239/19 से संबंधित है। थाने में संधारित रनिंग रजिस्टर एवं अन्य रजिस्टर से स्पष्ट होता है कि भोरे थाना कांड संख्या 87/18 में अभी अनुसंधान जारी है।

भोरे थाना में जानलेवा हमला का दर्ज है कांडः रास्ते को लेकर भोरे थाने के कावे गांव में  24 मार्च, 2018 को मारपीट हुई थी। भोरे थाना कांड संख्या-87/18 में भोरे थाने के कावे गांव की रहने वाली सुशीला देवी की तहरीर पर छह अभियुक्तों के विरंद्ध भादंसं की धारा 341, 323, 324, 307, 379/34 में दर्ज करायी गयी है। सभी जमानत पर हैं।

पासपोर्ट की जांच में भोरे थाना पुलिस ने दी झूठी रिपोर्टः दुबई में कावे गांव के मनोज कुमार साह ने भारत सरकार के कन्सुलेट जनरल ऑफ इंडिया द्वारा पासपोर्ट के रिन्युअल के लिए आवेदन किया।

पासपोर्ट कार्यालय पटना से 15 अक्तूबर 2020 को मनोज साह के नाम के लिए जांच थाने को भेजा गया था, जिसमें भोरे थाना कांड संख्या में आरोप पत्र संख्या 191 / 2019 दिनांक 30 जून 2019 एवं उसके भाई अशोक कुमार साह के पासपोर्ट के संबंध में 22 फरवरी, 2023 को आयी जांच रिपोर्ट में भी उक्त आरोप पत्र का उल्लेख किया गया था, जिससे पासपोर्ट  रिन्युअल नहीं हो सकी।

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