Home देश झारखंड हाई कोर्ट पहुंची महिला थानेदार की हत्या की पोल खोलती तस्वीरें,...

झारखंड हाई कोर्ट पहुंची महिला थानेदार की हत्या की पोल खोलती तस्वीरें, जनहित याचिका दायर

झारखंड नव निर्माण दल के केंद्रीय अध्यक्ष राम नारायण भगत इसके याचिकाकर्ता हैं। हाईकोर्ट के अधिवक्ता रंजन कुमार सिंह के जरिये श्री भगत ने सीबीआई जांच की मांग की है

इंडिया न्यूज रिपोर्टर डेस्क।  बहुचर्चित साहेबगंज की थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत के मामले में शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग को लेकर एक और जनहित याचिका दायर हो गई।

याचिकाकर्ता ने रूपा तिर्की की हत्या से जुड़े ऐसे कई फोटोग्राफ्स याचिका के साथ संलग्न किए हैं, जिससे प्रथम दृष्टया यह पता चलता है कि रूपा ने आत्महत्या नहीं, बल्कि एक साजिश के तहत उसकी हत्या की ओर इशारे कर रहे हैं।6 pictures talking about the dead condition of female police station Roopa Tirkey who took these pictures revealing the murder 6

फोटोग्राफ्स कहां से मिला, यह बताने से इंकार कियाः याचिकाकर्ता ने तस्वीरों को दिखाते हुए बताया कि इन तस्वीरों को देखने के बाद स्पष्ट पता चलता है कि रूपा तिर्की की हत्या कर मृत अवस्था में उसे रस्सी के सहारे पंखे से लटकाया गया है, ताकि उसकी मौत को आत्महत्या साबित किया जा सके।

याचिकाकर्ता के पास उपलब्ध तस्वीरें कहां से और कैसे प्राप्त हुई, इस बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि अब मामला हाईकोर्ट में है। इसके बारे में मैं कुछ नहीं बताऊंगा, इसे अभी अज्ञात माना जाए, क्योंकि फोटोग्राफ्स उपलब्ध करानेवाले को जान का खतरा हो सकता है।

बोलती तस्वीरें खुद ही हत्या की ओर इशारा कर रही हैं। उपलब्ध तस्वीरों के आधार पर हम सिलसिलेवार ढंग से उन 6 तस्वीरों का यहां उल्लेख कर रहे हैं-

पहली तस्वीर, समय-12.40, 3 मई की मध्य रात्रिः  5 मई की यह तस्वीर में रूपा तिर्की मृत अवस्था में बिस्तर पर है, उसकी नाक से झाग निकला हुआ है। उसके ऊपर चादर पड़ी हुई है और सर के बगल में सफेद रंग की रस्सी पड़ी हुई है।

दूसरी तस्वीर, समय- 12.43 मध्य रात्रिः  तस्वीर में रूपा तिर्की की मुद्रा सबकुछ पहली तस्वीर जैसी ही है, लेकिन चादर नीचे है और रूपा तिर्की तौलिये में नजर आ रही है।

तीसरी तस्वीर, समय-12.44 मध्य रात्रिः इस तस्वीर में रूपा तिर्की के पांव के नीचे से चादर हटी हुई है और उसके पैर से लेकर जांघ तक चोट के (स्याह रंग) के निशान हैं।

चौथी तस्वीर, समय 12.45 मध्य रात्रिः इस तस्वीर में एक ही समय में दो पोज लिए गए हैं, जिससे पता चलता है कि रूपा तिर्की के गले में संभवत: रस्सी से उसका गला दबाने का प्रयास किया गया है, (घेरे में) गला दबाने के क्रम में उसकी नाक से झाग और जीभ बाहर आ गई है और वह बिस्तर पर है।

पांचवी तस्वीर, समय 12.46 मध्य रात्रिः तस्वीर में संभवत: एक महिला काले-सादे रंग चेक के गाउन पहने हुए है। वो रूपा तिर्की पर थोड़ी सी झुकी हुई है। रूपा तिर्की की जांघ से सटे हुए उसके दाहिने की तस्वीर में दिख रही है। अब ये गाउन पहनी महिला कौन है, ये जांच का विषय हो सकता है।

छठी तस्वीर, समय-12.55 मध्य रात्रिः तौलिये में लिपटी रूपा तिर्की फांसी के फंदे से झूलती हुई घुटने के बल बैठी है। ये रूपा तिर्की की अंतिम तस्वीर है।

इस तस्वीर की खास बात यह है कि इसी तस्वीर के आधार पर पुलिस ने रूपा तिर्की की संदेहास्पद मौत को आत्महत्या करार दिया है। 12.55 मध्य रात्रि की यह तस्वीर ही अखबारों, तमाम न्यूज पोर्टल और सोशल मीडिया में दिखाई गई है।

साहेबगंज पुलिस, आईजी प्रिया दुबे और झारखंड के गृह विभाग ने अपनी शुरुआती जांच में इस निर्णय पर पहुंचे हैं कि रूपा तिर्की ने आत्महत्या की है।

शक के दायरे में पोस्टमार्टम रिपोर्टः बता दें कि आज ही रूपा तिर्की की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आयी है, जिसमें मुख्य रूप से आत्महत्या के एंगल से ही जांच की गई है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि रूपा तिर्की की मौत दम घुंटने से हुई है। रूपा के शरीर में सिर्फ एक ही चोट का जिक्र है, जबकि उसकी पैरों-जांघों में भी चोटों के निशान हैं। रेप के एंगल से जांच क्यों नहीं की गई?

इसके अलावा विचित्र बात तो ये कि पोस्टमार्टम जांच करने में किसी महिला डॉक्टरों का नहीं होना हैरत की बात है। फिर रूपा का बिसरा क्यों नहीं प्रिजर्व किया गया?

अहम सवाल ये कि दम घुंटने से रूपा की मौत हुई या फिर उसकी गला घोंट कर हत्या की गई? उसने खुद को फांसी लगाई या फिर उसकी हत्या कर घटना को फांसी का जामा पहनाने का कुत्सित प्रयास किया गया?

इसलिए शायद हत्या करने के बाद रूपा को आनन-फानन में पंखे से लटका दिया गया? ऐसे तमाम बिंदुओं पर जांच नहीं करना, पुलिस की भारी चूक है, जिस पर हाईकोर्ट में जिरह हो सकती है।

तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीः यह भी बताते चलें कि 12.55 की मध्य रात्रि की तस्वीर पुलिस के पास मौजूद है, पर उससे पहले की सारी तस्वीरें साहेबगंज पुलिस ने क्यों नहीं पेश कर पाई?

लेकिन 12.55 के पूर्व सारी तस्वीरें प्रथम दृष्टया चीख-चीख कर बयां कर रही है कि रूपा तिर्की ने आत्महत्या नहीं की है। बल्कि तस्वीरें हत्या की कहानी की बयां कर रही है। क्योंकि तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं।

आखिर तस्वीरें किसने और क्यों उतारी?:  अहम सवाल ये भी उठता है कि रूपा तिर्की के सरकारी आवास वे कौन लोग थे, जिसने रूपा तिर्की की मौत के बाद (12-40 से लेकर 12.55 मध्य रात्रि) की तस्वीरें उतारी?

यानी 15 मिनट के अंदर किसने रूपा तिर्की का बिस्तर पर मृत अवस्था में पड़ी तस्वीरें उतारनेवाला कौन था? ये पुलिसिया जांच का विषय है। दूसरी बात कि सभी तस्वीरें जो खींची गई हैं, कमरे में लाइट जल रही है, जबकि पुलिस ने जो वीडियोग्राफी कराई है, उसमें टार्च और मोबाइल की रोशनी दिख रही है।

बहरहाल, अब हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद ही पता चल पाएगा कि रूपा तिर्की ने आत्महत्या की है या एक षडयंत्र के तहत उसकी हत्या की गई है।

error: Content is protected !!
Exit mobile version