एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। आज वाहवाही दिवस है, भाजपा के प्रवक्ता काला चश्मा लगा कर भ्रष्टाचार पर अंकुश की गाथा गा रहे हैं।
मीडिया पल पल की खबर दे रही है, संपादकीय लिखे जा रहे हैं , अखबार के पन्ने रंगे पड़े हैं सब क्रेडिट लेने में एक दूसरे को पीछे धकेल दे रहे हैं।
हमलोग भी सोशल मीडिया पर तूफान मचाए हुए हैं। मानो रातों रात यह भ्रष्टाचार हो गया।
एक दिन पहले तो राम राज्य था,दूध की नदियां बह रही थीं, अचानक इतना सब कुछ कैसे हो गया?
भूंईहरी जमीन की छाती पर खड़ा पल्स हॉस्पिटल रातों रात तो नहीं बन सकता है!
किस उपायुक्त ने इस पर हॉस्पीटल बनाने की अनुमति दी?
किस बैंक ने इस पर 23 करोड़ का लोन दिया?
किस स्वास्थ्य मंत्री ने इसे लाइसेंस दिया ?
पूजा सिंघल ने खूंटी, चतरा में मनरेगा के पैसों का गबन किया पलामू में 80 एकड़ जमीन की बंदोबस्ती कर दी तो निगरानी जांच के बाद भी रघुवर दास और उनके सी एम ओ ने प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति क्यों नहीं दी?
कैसे लगातार हर मुख्यमंत्री के करीब रहीं पूजा सिंघल?
कैसे एक ही पदाधिकारी को सचिव उद्योग,खान के साथ साथ अध्यक्ष झारखंड खनन विकास निगम का प्रभार मिला और कार्मिक सचिव और मुख्य सचिव ने आपत्ति नहीं की?
पूजा सिंघल तो फंस गई, बाकि लोग पल्ला झाड़ रहे हैं कि देखो हम कितने पाक साफ हैं।
एक बात लिख लीजिए , हमारे देश में ईमानदार वहीं है, जिसे मौक़ा नहीं मिला है।
वर्ना शिक्षक मध्याह्न भोजन का चावल बेच रहा है ,सफाई कर्मी हार्पिक घर ले जा रहा है डीलर अनाज बेच रहा है, आईएएस जमीन बेच रहा है, पहाड़ बेच रहा है, नदी बेच रहा है।
सबकी अपनी अपनी औकात है!
रांची, जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद, हजारीबाग के पल्स हास्पीटलों, मॉलों, शो रूमों , वाहन एजेंसियों, पेट्रोल पंपों की नींव खोद कर देखिए, हर जगह पूजा सिंघल ही मिलेगी।