पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। बिहार मुख्य सचिवालय में चल रही नीतीश कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक खत्म हो गई है। कैबिनेट की बैठक में कुल 13 एजेंटों पर मुहर लगी है।
सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए भवन निर्माण विभाग के एक तत्कालीन कार्यपालक अभियंता हरिगोपाल सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है।
हरिगोपाल सिंह के ऊपर यह आरोप था कि साल 2015 में आई भूकंप त्रासदी के दौरान वे बगैर किसी सूचना के मुख्यालय से गायब थे।
इसके अलावा उनके ऊपर आरा समाहरणालय भवन के निर्माण कार्य के संवेदक को अधिक भुगतान करने से जुड़ा मामला भी था। जिसे देखते हुए उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।
बिहार सरकार ने गया के डुंगेश्वरी पर्वत पर रोपवे निर्माण कार्य कराने का फैसला लिया है। इसके लिए आठ करोड़ 43 लाख 17 हजार की राशि की स्वीकृति दे दी गई है।
साथ ही साथ गया जिले के ब्रह्म योनि पर्वत पर भी रूप में निर्माण की योजना को स्वीकृति देते हुए 4 करोड़ 24 लाख की राशि स्वीकृत की गयी है।
इतना ही नहीं किशनगंज सदर अस्पताल में तैनात चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जुनैद अख्तर को साल 2017 से लगातार ड्यूटी से गायब रहने के आरोप में सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति कैबिनेट ने दी है।
इसी तरह अन्य डॉक्टरों के ऊपर भी कार्यवाई की गई है। जो बिना किसी सूचना के ड्यूटी से गायब थे। किशनगंज के कोचाधामन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार, पूर्णिया के सदर अस्पताल में तैनात चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उमेश कुमार, पूर्णिया के रेफरल अस्पताल में तैनात चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिमेष कुमार को भी सेवा से बर्खास्त किया गया है।
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