“करोड़ों की लागत से रहुई थाना का भवन बनाया गया है, लेकिन अधिकारियों ने महिला हाजत को मालखाना बना दिया है। गिरफ्तारी के बाद महिला को एक कमरे में रखा गया था। महिला संतरी की ड्यूटी भी लगायी गयी थी। इसके बाद भी महिला ने अपने स्कॉर्फ से फंदा बनाकर फांसी लगा ली…
बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिले के रहुई थाना क्षेत्र में रविवार की रात बंदी महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन के अनुसार थानेदार ने महिला को इतना टॉर्चर किया कि उसने आत्महत्या कर ली।
महिला को प्रेम-प्रसंग के मामले में रविवार को ही गिरफ्तार कर रहुई थाने में रखा गया था। उसकी मौत की खबर मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया। एसपी समेत कई वरीय अधिकारी व भारी संख्या में पुलिस के जवान थाना पहुंच गये।
मृतका सैदल्ली गांव निवासी रुदल यादव की पत्नी अंजू देवी थीं। एसपी हरि प्रसाथ एस ने लापरवाही के आरोप में ओडी प्रभारी, इस केस के आईओ व महिला संतरी को सस्पेंड कर दिया है।
टॉर्चर करने के मामले में एसपी की दलील है कि इस बिन्दु पर जांच की जा रही है। जांच के बाद अन्य दोषियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइन के तहत फिलहाल तीन अधिकारियों पर कार्रवाई की गयी है।
परिजनों के अनुसार महिला तीन बच्चों की मां थी। काफी समय से महिला का प्रेम-प्रसंग मई-फरीदा गांव निवासी लव कुमार से चल रहा था। महिला अपने प्रेमी के साथ फरार हो गयी थी। लव के परिजन ने 21 मई को बिहार थाने में अपहरण की एफआईआर करायी थी।
22 मई को महिला के पति ने रहुई थाने में पत्नी के अपहरण की एफआईआर करायी थी। रविवार को बिहार थाने की पुलिस ने प्रेमी जोड़े को पटना से बरामद किया था। उसके बाद महिला को रहुई थाना के सुपुर्द किया गया था।
मृतका के तीन छोटे बच्चे हैं। पति मजदूरी करता है। इन बच्चों की देखभाल अब कौन करेगा, यह बड़ा सवाल है। गलती किसी ने की और सजा इन्हें मिल रही है। इधर, यह सवाल भी हवा में तैर रहा है कि महिला को थाने की हाजत में क्यों नहीं रखा गया था। किसके आदेश पर हाजत को मालखाना में तब्दील कर दिया गया है।
सबसे बड़ा सवाल यह कि महिला ने आत्महत्या क्यों की। शादी के बाद प्रेमी के साथ भागने वाली महिला इतनी कमजोर तो नहीं थी कि पुलिस के डर से आत्महत्या कर ले। तो फिर क्या वजह हुई कि उसने आत्महत्या कर ली।