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    Saturday, December 14, 2024
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      मोस्ट वांटेड नक्सली सरोज गुड़िया उर्फ बड्डा की पीट-पीटकर हत्या

      खूंटी (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)।  राजधानी राँची से सटे खूंटी जिले के विभिन्न थानों में दर्ज 23 कांडों में वांटेड कुख्यात नक्सली सरोज गुड़िया उर्फ बड्डा का शव तोरपा थाना क्षेत्र के पाटपुर से बरामद किया गया है। शव मिलने के बाद नक्सली की पीट-पीटकर हत्या की बात सामने आ रही है।

      पुलिस ने हत्या के इस मामले में दो आरोपियो में से एक एनम सोय को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

      पुलिस के मुताबिक इस संबंध में 3 अगस्त को तपकरा थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जिसमें पाकरटोली निवासी नागा गुड़िया ने पुलिस को ये सूचना दी थी कि उनका पुत्र सरोज गुड़िया 25 जुलाई को अपने घर से रोन्हे के कुम्बाटोली मैदान में हॉकी मैच देखने के लिए गया था। उसके बाद से अभी तक घर वापस नहीं आया है।

      मामला दर्ज होने के बाद पुलिस के अनुसंधान में पता चला कि सरोज गुड़िया, जोहन भेंगरा और एनम सोय स्थानीय मैदान से खेल देखने के बाद अंबा बाजार पाटपुर में हड़िया पीने के लिए ले गए और वहां से राजेंद्र कुमार के घर के पास दारु भट्टी में देसी दारु पीने के बाद उन तीनों में किसी बात को लेकर लड़ाई झगड़ा शुरू हो गया।

      उसी क्रम में एनम सोय और जोहन भेंगरा ने सरोज गुड़िया को पीट-पीटकर मार डाला और शव को तोरपा थाना क्षेत्र के पाटपुर के बगियाबुरु जंगल में छिपा दिया।

      हत्या की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने खूंटी के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी और तोरपा पुलिस निरीक्षक के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। जिसने कई जगहों पर छापेमारी कर हत्याकांड के एक आरोपी एनम सोय को सोनपुरगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरे की तलाश जारी है।

      एनम सोय ने पुलिस पूछताछ में हत्या की बात को स्वीकार कर लिया है। गिरफ्तार अभियुक्त की निशानदेही पर कांड में प्रयुक्त लकड़ी के डंडे और कुदाल को भी जब्त कर लिया गया है।

      पुलिस के मुताबिक आपसी विवाद में मारे गए नक्सली सरोज गुड़िया उर्फ बड्डा के ऊपर दो दर्जन से ज्यादा मामले अलग अलग थानों में दर्ज हैं।

      तोरपा, रनिया, मुरहू और खूंटी थाना में 17 सीएलए एक्ट, यूएपीए, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम समेत कई मामले 2010, 11, 12 से अब तक दर्ज हैं।

      पूरी घटना के उद्भेदन को खूंटी पुलिस बड़ी उपलब्धि मान रही है। लेकिन इतने कुख्यात नक्सली के इतने दिनों तक गिरफ्तार नहीं होने पर कई सवाल भी उठ रहे हैं।

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