बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज) नालंदा किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र ने महज 9 कार्य दिवस में एक 6 वर्षीय बच्ची संग यौनाचार मामले में दोषी किशोर को 3 साल की सजा सुनाई है।
स्पीडी ट्रायल के तहत महज 9 दिनों में सुनाया गया यह फैसला बिहार का पहला, जबकि पुरे देश का दूसरा फैसला है। इसके पूर्व मध्यप्रदेश के कटनी में महज 7 दिनों में इस तरह का फैसला सुनाया गया था।
वहीं नालंदा जिले के सोहसराय थाना क्षेत्र में घटित एक दहेज हत्याकांड मामले की सुनवाई 25 दिनों के अंदर करते हुए 17 मई, 2019 को दोषी किशोर को उन्होंने 3 साल की सजा सुनाई थी।
बताया जाता है कि नूरसराय थाना इलाके के एक गांव में बीते 26 जुलाई को एक पड़ोसी किशोर ने बहला फुसला कर 6 वर्षीया बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था।
उसी मामले की स्पीडी ट्रायल के तहत महज 9 कार्य दिवस के भीतर बहस-सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुनाया गया है। कोरोना काल के बाद कोर्ट द्वारा कम समय में यह दिया गया फैसला है।
सहायक लोक अभियोजन पदाधिकारी राजेश पाठक ने बताया कि 26 जुलाई 2020 को दोपहर 12:30 बजे 6 वर्षीया पीड़िता घर के बाहर दरवाजे के निकट खेल रही थी। तभी आरोपी किशोर आया और उसे बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया। घर के ऊपर वाले कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद पीड़िता रोते हुए घर आई और अपनी मां को घटना की पूरी जानकारी दी।
श्री पाठक ने बताया कि आरोपित किशोर के द्वारा पूर्व में भी इस तरह की घटना अन्य के साथ भी किया था। लेकिन, सामाजिक लोक-लज्जा के डर से लोगों ने उसे उजागर नहीं किया था। घटना के समय पुलिस द्वारा जब्त खून सना कपड़ा एवं प्लास्टिक के बोरा को पुलिस ने जब्त किया था। उसे जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया था। वहां भी जांच में मानव का खून पाया गया। हालांकि, किशोर ने अपने बचाव में पुरानी दुश्मनी बताते हुए अपनी ओर से दो गवाहों की गवाही करायी थी।