पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार में इस वर्ष पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समिति) चुनाव का आयोजन 25 नवंबर से 5 दिसंबर तक किया जाएगा। राज्य के 6819 पैक्सों में यह चुनाव पांच चरणों में संपन्न होंगे। बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार ने चुनाव प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष बनाने के लिए सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
पर्व-त्योहारों को ध्यान में रखकर तय हुआ चुनाव कार्यक्रमः चुनाव की तारीखें विभिन्न पर्व-त्योहारों को ध्यान में रखकर तय की गई हैं ताकि इन आयोजनों का प्रभाव चुनाव प्रक्रिया पर न पड़े। 15 नवंबर को चुनाव संबंधी अधिसूचना जारी की जाएगी, जिसके साथ ही आचार संहिता भी लागू हो जाएगी।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी गिरीश शंकर ने बताया कि इस बार चुनाव बैलेट पेपर के माध्यम से कराए जाएंगे, और मतदान के दिन ही मतगणना की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। यदि किसी कारणवश मतगणना नहीं हो पाती, तो मतपेटियों को सुरक्षित वज्रगृह में रखा जाएगा और अगले दिन मतगणना कराई जाएगी।
2019 के बाद हो रहे पैक्स चुनावः 2019 के दिसंबर में आखिरी बार पैक्स चुनाव कराए गए थे, जिसमें भी 6819 पैक्सों में मतदान हुआ था। इस बार फिर से वही संख्या दोहराई जा रही है, और पांच चरणों में चुनाव प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा।
मतपत्रों का रंग कोडिंग: पैक्स चुनाव में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मतपत्रों को रंगों के आधार पर विभाजित किया गया है। विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग रंगों के मतपत्रों का उपयोग होगा, जो निम्नलिखित हैं:
- लाल रंग का मतपत्र: अध्यक्ष पद के लिए होगा। इस पर उम्मीदवारों में से अपनी पसंद के एक उम्मीदवार के नाम के सामने स्वस्तिक चिह्न की मुहर लगानी होगी।
- हरा रंग का मतपत्र: पिछड़ा वर्ग (एनेक्सर-2) से प्रबंध समिति के दो पदों के लिए। एक महिला और एक पुरुष अथवा अन्य महिला उम्मीदवार को चुनना होगा।
- नारंगी रंग का मतपत्र: सामान्य कोटि से प्रबंध समिति के पांच पदों के लिए। इसमें दो महिला उम्मीदवार और शेष तीन पुरुष या अन्य महिला उम्मीदवारों को चुनना होगा।
- आसमानी रंग का मतपत्र: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के दो पदों के लिए। इसमें एक महिला और एक पुरुष या अन्य महिला उम्मीदवार को चुनना होगा।
- सफेद रंग का मतपत्र: अतिपिछड़ा वर्ग (एनेक्सर-1) से प्रबंध समिति के दो पदों के लिए। एक महिला और एक पुरुष या अन्य महिला उम्मीदवार को चुनना होगा।
निर्वाचन प्रक्रिया की तैयारियों पर कड़ी नजरः बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार ने सभी जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त (डीडीसी), और जिला सहकारिता पदाधिकारी (डीसीओ) को निर्देश दिया है कि वे चुनाव की तैयारियों को अलर्ट मोड पर रखें और किसी भी प्रकार की समस्या से निपटने के लिए पूरी तत्परता से काम करें। अक्टूबर में मुख्य सचिव और गृह सचिव के स्तर पर एक उच्चस्तरीय बैठक भी होगी, जिसमें चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी और आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे।
तीन साल से अधिक समय से पदस्थापित अधिकारियों का तबादलाः चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने के लिए तीन साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थापित जिला सहकारिता पदाधिकारी और प्रखंड सहकारिता पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया जाएगा, जिससे चुनाव में किसी भी तरह की पक्षपातपूर्ण गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।
शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव का उद्देश्यः पैक्स चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन प्राधिकार का मुख्य उद्देश्य शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराना है। मतदाताओं और उम्मीदवारों को पूरी प्रक्रिया में विश्वास और सुरक्षा का अनुभव हो, इस दिशा में हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं।
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