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    Sunday, December 22, 2024
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      बिहार में BPSC करेगी 45, 852 शिक्षकों नियुक्ति, देखें जिलावार रिक्तियाँ

      मंत्री विजय कुमार चौधरी के अनुसार सभी जिलों से रोस्टर क्लियरेंस की रिपोर्ट आने के बाद उसकी विभागीय स्तर पर समीक्षा होगी। रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो जाएगा कि सरकार द्वारा लागू आरक्षण के फार्मूले के तहत किस जिले में कितने सीटें किस कोटि में आरक्षित हुईं....

      “शिक्षा विभाग को संबंधित पदों पर बहाली के लिए अधिकांश जिलों से आरक्षण संबंधी रोस्टर क्लियरेंस की रिपोर्ट आ गई है। जिन जिलों से रिपोर्ट नहीं मिली है उनके जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को अविलंब देने को कहा गया है…

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। शिक्षा विभाग के अनुसार सृजित पदों का सभी 38 जिलों के बीच बंटवारा करते हुए रोस्टर क्लियरेंस के निर्देश के साथ जिलों को भेजे गए थे। इसकी रिपोर्ट 23 अक्तूबर तक ही मांगी गयी थी।

      लेकिन, मियाद पूरी होने के बावजूद सभी जिलों ने रिपोर्ट नहीं भेजी थी। इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को रोस्टर क्लियरेंस रिपोर्ट देने को कहा है।

      पटना। बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में पहली बार प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इसी तरह नवस्थापित माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों में भी प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति होनी है, जो लिखित परीक्षा के आधार पर होगी।

      नियुक्त होने वाले प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक सीधे शिक्षा विभाग के अधीन होंगे। प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में सृजित 45, 852 पदों पर बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से प्रधानाध्यापकों की बहाली को लेकर शिक्षा विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। इनमें 40,518 प्रधान शिक्षक और 5,334 प्रधानाध्यापक के पदों पर नियुक्ति की अधियाचना भेजने की तैयारी है।

      शिक्षा विभाग के अनुसार सृजित पदों का सभी 38 जिलों के बीच बंटवारा करते हुए रोस्टर क्लियरेंस के निर्देश के साथ जिलों को भेजे गए थे। इसकी रिपोर्ट 23 अक्तूबर तक ही मांगी गयी थी। लेकिन, मियाद पूरी होने के बावजूद सभी जिलों ने रिपोर्ट नहीं भेजी थी। इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को रोस्टर क्लियरेंस रिपोर्ट देने को कहा है।

      अररिया में 1327, अरवल में 335, औरंगाबाद में 1093, बांका में 1220, बेगूसराय में 738, भागलपुर में 902, भोजपुर में 1139, बक्सर में 651, दरभंगा में 1424, पूर्वी चंपारण में 1914, गया में 1697, गोपालगंज में 1055, जमुई में 828, जहानाबाद में 547, कैमूर में 612, कटिहार में 1115, खगडिय़ा में 544, किशनगंज में 812, लखीसराय में 473, मधेपुरा में 810, मधुबनी में 1883, मुंगेर में 536, मुजफ्फरपुर में 1632, नालंदा में 1352, नवादा में 963, पटना में 1984, पूर्णिया में 1354, रोहतास में 1271, सहरसा में 754, समस्तीपुर में 1540, सारण में 1436, शेखपुरा में 247, शिवहर में 216, सीतामढ़ी में 1107, सिवान में 1209, सुपौल में 1047, वैशाली में 1112, पश्चिम चंपारण में 1639 पद।

      इधर सूबे के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के अनुसार सभी जिलों से रोस्टर क्लियरेंस की रिपोर्ट आने के बाद उसकी विभागीय स्तर पर समीक्षा होगी। रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो जाएगा कि सरकार द्वारा लागू आरक्षण के फार्मूले के तहत किस जिले में कितने सीटें किस कोटि में आरक्षित हुईं। सब कुछ तय हो जाने के बाद सभी सृजित पदों पर प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापकों की बहाली की विधिसम्मत प्रक्रिया के तहत बीपीएससी को अधियाचना भेजी जाएगी।

       

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