राँची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। सरायकेला-खरसावां जिले के चर्चित बी रामा कृष्णा शर्मा-ललिता महतो प्रकरण में समाज के नाम पर बगैर किसी रिश्ते के एंट्री मारने वाले ईचागढ़ के दिवंगत भाजपा विधायक साधु चरण महतो के दामाद सुमित महतो पुलिस की चेतावनी के बाद भी कोर्ट परिसर में ललिता महतो के साथ नजर आए।
शुक्रवार को ललिता महतो और बी रामा कृष्णा शर्मा की केस संख्या 457/22 में पेशी थी। ललिता अपने पिता या अन्य रिश्तेदारों के साथ न पहुंचकर सुमित महतो के साथ कोर्ट पहुंची। विदित हो कि पिछले दिनों बी रामा कृष्णा शर्मा ने सरायकेला थाने में सुमित महतो के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
जहां पुलिस ने दोनों (ललिता एवं सुमित) को थाने बुलाकर फटकार लगाते हुए ललिता से अपने पिता या अन्य परिजनों के साथ सुनवाई में आने एवं सुमित महतो से पति- पत्नी के विवाद में कोर्ट का निर्णय आने तक दूर रहने का निर्देश दिया था।
इतना ही नहीं, रामा के वकील ने कोर्ट में अपने क्लाइंट के सुरक्षा का हवाला देते हुए पिटीशन दाखिल किया है। बावजूद इसके सुमित महतो अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। सुमित महतो इस मामले को समाज का मुद्दा बताकर जबरन पारिवारिक मामले में दिलचस्पी ले रहे हैं, जबकि समाज के प्रबुद्ध जनों ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया ना देने की बात कही है।
सुमित महतो को छोड़कर समाज का कोई व्यक्ति इस मामले में आज तक सामने नहीं आया है। यही वजह है कि सुमित महतो की भूमिका पर अब सवाल उठने लगे हैं, आखिर क्या वजह है कि इस मामले में सुमित महतो विशेष दिलचस्पी दिखा रहे हैं। लोग रामा कृष्णा शर्मा और ललिता महतो के बीच उपजे विवाद के पीछे सुमित महतो की भूमिका संदिग्ध मानने लगे हैं।
क्या है पूरा मामलाः सरायकेला-खरसावां जिला के चांडिल थाना अंतर्गत घोड़ानेगी गांव की रहने वाली ललिता महतो एवं टायो कॉलोनी गम्हरिया निवासी बी रामाकृष्ण शर्मा गम्हरिया के अग्रवाल क्लॉथ स्टोर में सेल्समैन का काम करते थे। वहीं पर दोनों के बीच दोस्ती हुई। धीरे- धीरे दोस्ती प्यार में बदल गया। फिर दोनों ने राम मंदिर बिस्टुपुर में शादी कर ली।
शादी के बाद बी रामाकृष्ण शर्मा की रेलवे में नौकरी हो गई उसके बाद रामकृष्ण शर्मा ललिता महतो को लेकर विशाखापट्टनम चला गया। इस बीच दोनों को एक पुत्र हुआ। विशाखापत्तनम में रहते ललिता फिर से गर्भवती हुई। इसी दौरान रिश्तेदार के मौत की खबर पर डेढ़ वर्षीय पुत्र के साथ ललिता अपने मायके आई। तब से वापस नहीं लौटी।
इसको लेकर रामाकृष्ण शर्मा ने 2020 में कोर्ट में अपने ससुर देवेंद्र नाथ महतो, साढू राजेश महतो, साली अम्बावती महतो व अन्य के खिलाफ परिवार न्यायालय में अपनी पत्नी और बच्चे के अपहरण करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया।
उधर पिछले साल ललिता महतो ने प्रेस कांफ्रेंस कर रामाकृष्ण शर्मा के साथ किसी भी रिश्ते से इनकार किया था। ललिता ने यह भी कहा था उसे कोई बेटा नहीं है ना ही वह कभी गर्भ से थी। उल्टा उसने बी रामाकृष्ण शर्मा पर दुकान में काम के दौरान दुष्कर्म करने का प्रयास करने का आरोप लगाया था। इस प्रकरण के 2 साल से भी अधिक हो चुके हैं। अब तक यह फैसला नहीं हो सका है, कि सच कौन है।
समझें रामा कृष्णा शर्मा ने क्या कहाः बी रामा कृष्ण शर्मा का दावा है कि वह कोर्ट में साबित कर देगा कि ललिता के साथ उसके क्या संबंध थे। जबतक गवाही चल रही है उसे और उसके गवाह को सुरक्षा मिले ताकि उसे न्याय मिल सके।
उन्होंने कुड़मी समाज के लोगों से पारिवारिक मामले में कोर्ट का फैसला आने तक संयम बरतने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि सारे सबूत उनके पास मौजूद हैं। उन्हें समाज के नाम पर कुछ लोग डराना चाहते हैं। सुमित महतो के मामले में दिलचस्पी से साफ साबित हो गया है कि वह मेरे पारिवारिक रिश्ते में खटास लाकर मेरी पत्नी को गुमराह कर रहा है।
उन्होंने कहा कोर्ट से उसे अपनी पत्नी के साथ संवाद करने की अनुमति मिली है, ताकि उसे मना सकें मगर सुमित की वजह से ललिता उससे बात नहीं करती न ही उसके फोन का कोई जवाब देती है। उल्टे सुमित महतो अपने फेसबुक वॉल पर अनाप शनाप पोस्ट डालकर लोगों को दिग्भ्रमित कर रहा है साथ ही उसे भी धमकी दे रहा है।
क्या कहता है कानूनः इस मामले में विधि विशेषज्ञ बताते हैं कि जब मामला कोर्ट में लंबित है तो किसी बाहरी लोगों को पारिवारिक मामले में दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए। कोर्ट के भीतर दोनों पक्ष के वकील गवाह और केस से जुड़े लोगों को ही प्रवेश मिले। ताकि गवाह और शिकायतकर्ता खुलकर अपने साक्ष्य पेश कर सकें।
यदि बाहरी व्यक्ति पारिवारिक मामले में हस्तक्षेप करता है तो वह दोषी करार दिया जा सकता है। न्यायालय को ऐसे मामले पर संज्ञान लेना चाहिए।
कहते हैं रामा कृष्ण शर्मा के वकीलः मामले में भी रामा कृष्णा शर्मा की पैरवी कर रहे सरायकेला कोर्ट के अधिवक्ता छत्रपति महतो ने बताया कि केस संख्या 457/ 22 में पेशी थी। पिछले 3- 4 तारीखों से सुमित महतो ललिता महतो के साथ कोर्ट आ रहे हैं।
यहां तक कि वे कोर्ट रूम में भी प्रवेश कर रहे हैं, और कोर्ट की करवाई में शामिल हो रहे हैं जिससे गवाह के प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है। किन्ही कारणों से गवाही नहीं हो सकी है। ऐसे में उनके क्लाइंट और गवाह को खतरा है।
रामा के समर्थन में उतरा आर्यम द्रविड़ ब्राम्हण ट्रस्टः इस प्रकरण में दक्षिण भारतीय संस्था आर्यन द्रविड़ ब्राह्मण ट्रस्ट बी रामाकृष्णन शर्मा के समर्थन में आ गया है।
संस्था के अध्यक्ष रमन मूर्ति का कहना है कि राम कृष्ण शर्मा हमारे समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और कुड़मी युवा छत्र मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष सह कुड़मी सेना के सचिव सुमित महतो द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।
हमारे लड़के ने अपने परिवार यानी अपनी पत्नी ललिता महतो जो हमारी बहू है और उसका बेटा जो हमारा पोता है, को वापस पाने के लिए सरायकेला-खरसावां (झारखंड) में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के समक्ष धारा 9 का मामला दायर किया है।
हमारी बहू और पोता देवेंद्र नाथ महतो की हिरासत में हैं, जो हमारी बहू के पिता हैं। हमारे लड़के और ललिता महतो की शादी 21.07.2017 को राम मंदिर बिष्टुपुर जमशेदपुर झारखंड में हुई और उसके बाद दोनों को एक पुत्र का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। अचानक 07.05.2021 को हमारी बहू अपने बेटे को लेकर मायके चली गई क्योंकि उसके परिवार से फोन आया कि उसके चाचा का देहांत हो गया है।
उस तारीख से आज तक हमारा लड़का लगातार अपने परिवार के लिए लड़ रहा है, जैसे अवैध रूप से हमारी बहू और हमारा पोता देवेंद्र नाथ महतो की हिरासत में है जो जातिवाद में दृढ़ विश्वास रखने वाले महतो जाति परिवार के हैं, इसलिए सुमित महतो को आगे लाकर हमारे व्यक्तिगत मामले में शामिल किया गया है, ताकि जाति का मुद्दा बन सके।
चूंकि हम अपनी बहू और पोते को वापस पाने के लिए कानून के अनुसार शांति से लड़ रहे हैं, लेकिन पूरा महतो परिवार अपने साथियों के साथ हमारे लिए समस्या पैदा कर रहा है, जो गुंडा तत्वों से संबंधित हैं और हमारे लड़के को अवैध हथियार दिखाकर बाधित कर रहे हैं और हमारे लड़के और उसके परिवार के सदस्यों में डर पैदा कर रहे है।
कई बार हमारा लड़का ईश्वर की कृपा से उनके हाथों से बच निकला जब भी इन अपराधियों ने हमारे लड़के को पकड़ा। हमेशा की तरह और हर जगह ये लोग हथियार लेकर चलते हैं। वे हमारे लड़के को हमारी बहू और पोते से मिलने और बात करने की भी अनुमति नहीं दे रहे हैं। वास्तव में उन्होंने हमारी बहू और पोते को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर दिया है जो बहुत ही गोपनीय है।
अपने सूत्रों से हमने पाया कि देवेंद्र नाथ महतो हमारी बहू ललिता महतो पर अपनी जाति के किसी अन्य लड़के से पुनर्विवाह करने के लिए जबरदस्त दबाव बना रहे हैं, क्योंकि वे जातिवाद की ओर बहुत अधिक झुके हुए हैं।
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