“अतिथि शिक्षक अक्सर विशेषज्ञता रखने वाले लोग होते हैं, जो शिक्षा के क्षेत्र में काम कर चुके होते हैं या उनके पास विशिष्ट ज्ञान और कौशल होते हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र में मास्टरी हासिल की होती है और वे छात्रों को विशिष्ट विषयों में समर्पित रूप से प्रशिक्षण देते हैं। अतिथि शिक्षक का यह काम होता है कि वे छात्रों को विशिष्ट विषयों में उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढने में मदद करें, उन्हें प्रेरित करें और उनके ज्ञान को बढ़ावा दें…
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलों के जिलाधिकारी को में बच्चों को अतिथि शिक्षक तैनात करने का आदेश जारी किया है। अब सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती होने तक कमी वाले स्कूलों में अतिथि शिक्षक छात्रों को पढ़ायेंगे।
सरकारी स्कूलों में जहां शिक्षकों की कमी है, वहां नियमित भर्ती होने तक अतिथि शिक्षक पढ़ायेंगे। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारी और डीडीसी को यह जानकारी दी है।
सभी प्राचार्यों को कहा गया है कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक, जहां शिक्षकों के पद खाली हैं, वहां आउटसोर्सिंग से अतिथि शिक्षक की सेवा ली जाए।
अपर मुख्य सचिव केके पाठन ने सभी जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि एक जुलाई से स्कूलों में शुरू हुई निगरानी व्यवस्था के बाद स्कूलों की कमियों व समस्याओं को सुलझाने के लिए विभाग ने कई कदम उठाये हैं।
विभाग ने सभी जिलाधिकारी और डीडीसी से अनुरोध किया है कि सभी व्यक्तिगत रूप में रूचि लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ बैठक करें।
जिलाधिकारी व डीडीसी को यह भी आदेश है कि स्कूलों में बच्चों की संख्या, शिक्षकों की उपलब्धता, लाइब्रेरी की सफाई और लैब की समीक्षा एक सितंबर से नियमित किया जाए। स्कूलों में फर्नीचर, लैब, लाइब्रेरी की साफ-सफाई का जिम्मा एक सितंबर से निजी वेंडर के माध्यम से होगा। वहीं, लगभग 10 हजार विद्यालयों में कंप्यूटर लैब लगाने की योजना है।
बता दें कि बीपीएससी एक लाख 70 हजार शिक्षकों की बहाली में जुटी हुई है। दूसरी ओर शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक को बहाल करने का फैसला ले लिया है। शिक्षकों की कमी को देखते हुए केके पाठक ने यह फैसला लिया है और जिलाधिकारी को बहाली का आदेश दिया है।
फिलहाल, एक सितंबर से सभी स्कूलों में यह व्यवस्था लागू करने का आदेश है। शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए लगातार आदेश दिया जा रहा है। स्कूल जहां शिक्षकों की कमी है। वहां अतिथि शिक्षक की बहाली होगी। इसके लिए स्कूल के प्राचार्य को अधिकृत किया गया है।
शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के जिलाधिकारी और उप विकास आयुक्त को पत्र भेज दिया है। इसमें इस बात का भी जिक्र किया गया है कि पहले के मुकाबले स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है।
जानें कौन होंगे अतिथि शिक्षकः अतिथि शिक्षक के बारे में बता दें कि वे एक ऐसे व्यक्ति होते है जो अन्य शिक्षकों के साथ काम करते हुए शिक्षा संस्थानों में समय-समय पर आकर्षित होता है, ताकि वह विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले व्यक्तियों के रूप में छात्रों को प्रशिक्षण दे सके।
अतिथि शिक्षक का प्रमुख उद्देश्य छात्रों को उनके चयनित क्षेत्र में गहरी समझ और ज्ञान प्रदान करना होता है, जो कि विशेषज्ञ या प्रोफेशनल शिक्षकों द्वारा प्रदान किए जाने वाले पाठ्यक्रम के बाहर होता है।
अतिथि शिक्षक का काम आमतौर पर सीमित समय के लिए होता है, जैसे कि कुछ दिनों या हफ्तों के लिए। यह उन विशिष्ट प्रोजेक्ट्स या कार्यक्रमों के दौरान होता है जिनमें उनकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
अतिथि शिक्षक का यह प्रयास होता है कि छात्रों को अधिक विशिष्ट और गहरे समझ का अवसर मिले ताकि वे अपने अध्ययन या करियर में आगे बढ़ सकें। अतिथि शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञता, नए विचार, संवाद कौशल, प्रेरणा, और मार्गदर्शन के साथ छात्रों की मदद करने का महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं।
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