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सीएम हेमंत सोरेन की शिकायत पर ईडी अफसरों पर एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। भारतीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से पूछताछ के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है।FIR registered against ED officers under SC ST Act on complaint of CM Hemant Soren 1

सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करा दी है। उनकी तरफ से एससी-एसटी सेल में दिल्ली में ईडी अधिकारियों की छापेमारी के खिलाफ यह प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।  इसके पहले ही उन्होंने रांची में एससी-एसटी सेल में खुद से शिकायत दर्ज की है।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि वे आदिवासी समाज से आते हैं और ईडी के अधिकारियों ने प्रताड़ित किया है। वे कुछ घंटो के लिए दिल्ली में थे। जब वे किसी काम से दिल्ली गए हैं तो ईडी के अधिकारी उनके घर पर क्यों आए।

सीएम ने अपनी शिकायत में कहा है कि जब उन्होंने पहले से ये बता दिया कि पूछताछ के लिए ईडी के अधिकारी 31 जनवरी को उनके आवास पर आ सकते हैं तो फिर क्यों आप दो दिन पहले ही दिल्ली में आवास पर पहुंच जाते हैं। रेड मारते हैं और चीजों को जब्त करते हैं। गैरमौजूदगी में चीजों को क्यों टटोला जाता है। आदिवासी समाज से आने के बावजूद इस तरह की हरकत क्यों की गई।

बता दें कि ईडी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ कर रही है। खबर लिखे जाने तक यह पूछताछ जारी है। पिछले 11 दिनों के अंतराल में उनसे दूसरी बार पूछताछ की जा रही है।

आज ईडी के अफसरों की टीम चार गाड़ियों में कड़ी सुरक्षा के बीच एक बजकर 20 मिनट पर कांके रोड स्थित सीएम आवास पहुंची। जमीन घोटाले के जिस मामले में सोरेन से पूछताछ हो रही है, वह रांची के बड़गाईं अंचल के एक भूखंड की खरीद बिक्री से जुड़ा है।

ईडी को जानकारी मिली है कि यह जमीन हेमंत सोरेन ने नाजायज तरीके से हासिल की है। हालांकि सोरेन ने ईडी को लिखे पत्र में कहा है कि यह जमीन न तो उनकी है और न ही इससे उनका कोई ताल्लुक है। यह तो “भुईंहरी नेचर” (विशिष्ट प्रकृति वाली आदिवासी भूमि) की जमीन है और इसकी खरीद बिक्री नहीं हो सकती। इस जमीन पर पिछले पांच दशकों से एक आदिवासी पाहन (पुजारी) परिवार का स्वामित्व है।

पूछताछ के दौरान झामुमो कार्यकर्ताओं-समर्थकों के विरोध की संभावना को देखते हुए सीएम आवास, राजभवन, ईडी दफ्तर सहित रांची के कई संवेदनशील इलाकों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। ऐसे इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों और पुलिस की तैनाती की गई है।

इधर, सत्तारूढ़ गठबंधन के तकरीबन 40 विधायक और सरकार के सभी मंत्री बुधवार सुबह से ही सीएम हाउस के दूसरे हिस्से में जमे हुए हैं। ईडी की पूछताछ और किसी भी संभावित कार्रवाई को लेकर गठबंधन ने अपनी रणनीति पहले से तय कर रखी है।

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