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CM हेमंत सोरेन ने करम महोत्सव पर आदिवासी छात्रों को दिया बड़ा तोहफा

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड के सीएम हेमन्त सोरेन (CM Hemant Soren) एवं उनकी पत्नी विधायक कल्पना सोरेन रांची वोमेन कॉलेज के साइंस ब्लॉक स्थित आदिवासी छात्रावास परिसर में आयोजित करम पूजा महोत्सव में सम्मिलित हुए और अखरा में पूजा-अर्चना की तथा करम डाली को प्रणाम कर झारखंडवासियों की सुख, समृद्धि, शांति और उन्नति की कामना की।

इस मौके पर सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा कि इस परिसर के अंदर राज्य सरकार की तरफ से विशेष कार्य योजना लेकर आऊंगा। यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आज झारखंड के इस राजधानी में पहले चरण में कल्याण विभाग के माध्यम से छात्र-छात्राओं के लिए मल्टी स्टोरेज हॉस्टल बनाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है।

उन्होंने बताया कि यह मल्टी स्टोरेज हॉस्टल लगभग 50 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जाएगी। यह हॉस्टल इस राज्य का आदर्श तथा आधुनिक व्यवस्थाओं से लैस होगा। आदिवासी समुदाय के अधिकतर बच्चे-बच्चियां गांव-देहात से आते हैं। ये बच्चे काफी जद्दोजहद करते हुए सीमित संसाधनों के बीच शिक्षा ग्रहण करते हैं। बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के बच्चे-बच्चियां सरकारी हॉस्टलों में रहकर पढ़ाई करते हैं।

उन्होंने कहा कि आज के समय में भी आदिवासी समुदाय के छात्र-छात्राएं न्यूनतम चीजों के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। राज्य सरकार इस स्थिति को हर संभव बदलने का प्रयास कर रही है तथा आदिवासी समुदाय के बच्चों को आर्थिक सहयोग भी कर रही है। अब उनकी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित सभी छात्रावासों में राज्य सरकार द्वारा बच्चों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्होंने घोषणा की कि अब राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी हॉस्टल्स में रसोईया, राशन तथा सुरक्षा हेतु गेटकीपर उपलब्ध रहेंगे। राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी छात्रावास प्रोफेशनल हॉस्टल की तरह संचालित किए जाएंगे।

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि यहां की शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लाया जा सके। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने सीएम एक्सीलेंस स्कूल की शुरुआत की है। पहले चरण में 80 विद्यालयों को सीएम एक्सीलेंस स्कूल के रूप में अपग्रेड किया जा चुका है। आने वाले समय में राज्य के भीतर 5 हजार सीएम एक्सीलेंस स्कूल संचालित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि हमारे राज्य के आदिवासी, मूलवासी, गरीब, किसान सहित सभी वर्ग के बच्चे भी निजी विद्यालयों के तर्ज पर शिक्षा ग्रहण कर सकें इस निमित्त प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज का समय प्रतियोगिता परीक्षा का समय है। राज्य सरकार का प्रयास है कि हमारे आदिवासी समुदाय के बच्चे भी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर अच्छे पदों पर पहुंच सके। बच्चों की पढ़ाई में पैसा का अभाव बाधा न बने इसका भी ख्याल राज्य सरकार रख रही है।

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