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मुकेश लिखित ‘यात्रा किताबों की’ का लोकार्पण बच्चों ने किया, दिवंगत पत्रकार को समर्पित 

गया (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज )। गया नगर में  कोयली पोखर स्थित ‘सिन्हा शशि भवन’ में युवा साहित्यकार मुकेश कुमार सिन्हा रचित पाँचवीं किताब ‘यात्रा किताबों की’ का लोकार्पण शनिवार को किया गया। बच्चों के हाथों से पुस्तक का लोकार्पण हुआ।

Children inaugurated Yatra Kitabon Ki written by Mukesh dedicated to the late journalist 2श्वेतवर्णा प्रकाशन से प्रकाशित ‘यात्रा किताबों की’ में देश के 20 अलग-अलग रचनाकारों की कृतियाँ यथा-देहरी पर चिराग, पक्की दोस्ती, दरभंगा हाउस, प्रेम गुरुत्वाकर्षण ही तो है, जीवन का गुणा भाग, रोशनी का सफर, इनबॉक्स, हाथों से पतवार गयी, मौत का उत्सव, बातों-बातों में, अंकुर हुआ दरख़्त, तुम शपथ पत्र की स्याही हो, प्रश्न पूछने लगी गजल, तुम रीत गई मैं बीत गया, रघुविन्द्र यादव के दोहे, द्वारे-द्वारे दीप धरूँगा, राजमार्ग से मत आना, प्रश्न अनोखे अभी शेष हैं एवं वो जो था ख्वाब-सा की समीक्षा संग्रहित है।

युवा साहित्यकार श्री सिन्हा ने बताया कि मोबाइल युग में बच्चे साहित्य से दूर होते जा रहे हैं, उनमें साहित्य के प्रति रुचि जगाने के ख्याल से किताब का लोकार्पण बच्चों की टोली सिमरन सिन्हा, यश सिन्हा, कुश वर्मा एवं आन्या के हाथों से कराया गया।

उन्होंने बताया कि यह पुस्तक वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार स्मृति शेष सुनील सौरभ को समर्पित है।

इस अवसर पर जुगेश कुमार सिन्हा, राकेश कुमार, पुनीता सिन्हा, प्रिया कुमारी, जूही आदि उपस्थित थीं।

गौरतलब है कि बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा ‘साहित्य सम्मेलन शताब्दी सम्मान’ से सम्मानित मुकेश कुमार सिन्हा की यह पांचवीं पुस्तक है। पूर्व में ‘तेरा मजहब क्या है चाँद’ (काव्य संग्रह), ‘किताबें क्या कहती हैं’, ‘बातें किताबों की’ एवं ‘अनिरुद्ध प्रसाद विमल का काव्य वैभव’ (समीक्षात्मक पुस्तक) प्रकाशित है।

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