रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड में मंईयां सम्मान यात्रा के पाँचवे दिन का आयोजन पूर्वी सिंहभूम ज़िला के बोराम में हुआ, जहाँ हज़ारों की संख्या में महिलाएँ शामिल हुईं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य सरकार का झारखंड की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके सम्मान को बढ़ावा देना है।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी एवं झामुमो विधायक कल्पना सोरेन ने महिलाओं के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाया।
उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने महिलाओं के मान-सम्मान और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
उन्होंने “झारखंड मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना” का ज़िक्र करते हुए बताया कि हर महीने राज्य की बेटियों, माताओं, और बहनों के खातों में 1000 रुपये जमा किए जा रहे हैं। यह राशि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो रही है।
उन्होंने इस योजना को परिवारों की मज़बूती से जोड़ते हुए कहा कि जितनी अधिक बेटियाँ और बहनें होंगी, उनके परिवार को उतनी अधिक आर्थिक मदद मिलेगी।
कल्पना सोरेन ने झारखंड की धरती को क्रांतिकारियों की धरती कहा और उनके बलिदान को याद किया।
उन्होंने मंईयाँ सम्मान यात्रा को झारखंड की लाखों महिलाओं को जोड़ने का एक मंच बताया, जो राज्य की आधी आबादी को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस यात्रा के माध्यम से राज्य की महिलाओं का अपार समर्थन मिल रहा है, जो राज्य की प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम में मंत्री बेबी देवी ने भी झारखंड मुख्यमंत्री मंईयाँ सम्मान योजना की सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व को दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
उन्होंने इस योजना को महिलाओं की आत्मनिर्भरता और परिवारों की मजबूती का प्रतीक बताया और कहा कि इस योजना ने झारखंड की आधी आबादी को प्रगति की दिशा में एक ठोस आधार प्रदान किया है।
मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने मंईयाँ सम्मान यात्रा के दौरान मिल रहे व्यापक समर्थन का ज़िक्र करते हुए महिलाओं के जोश और उत्साह की सराहना की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के हर क्षेत्र में समान अधिकार दिए हैं। सरकार की नीतियों के तहत महिलाओं को व्यवसाय के लिए ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।
दीपिका पांडे सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि झारखंड की 18 से 50 वर्ष की महिलाएँ इस योजना के तहत मिलने वाली 1000 रुपये की राशि का उपयोग अपने बच्चों की ट्यूशन फ़ीस, मोबाइल रिचार्ज और प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म भरने में कर रही हैं। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का आत्मविश्वास दे रही है।
उन्होंने बताया कि हाल ही में सरकार ने किसानों का दो लाख रुपये तक का क़र्ज़ माफ़ किया है और 400 करोड़ रुपये उनके खातों में भेजे गए हैं।
इस मौके पर विधायक मंगल कालिन्दी, सांसद जोबा माँझी, विधायक सविता महतो सहित कई प्रमुख नेताओं ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
बारिश के बावजूद महिलाओं का उत्साह कम नहीं हुआ और सभी ने राज्य सरकार की नीतियों की सराहना की और कहा कि इस यात्रा के माध्यम से झारखंड की महिलाओं में एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार हुआ है और यह यात्रा राज्य के हर कोने में महिलाओं के सशक्तिकरण के संदेश को पहुँचा रही है।
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