“दरअसल, एक वेब पोर्टल पर सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा के सीवीसी के समक्ष रखे पक्ष के हवाले से कहा गया है कि किस तरह से सीबीआइ में दूसरे नंबर के अधिकारी राकेश अस्थाना बिहार के उपमुख्यमंत्री के संपर्क में थे। यह भी कहा गया है कि पीएमओ के एक अधिकारी के निर्देश पर आइआरसीटीसी घोटाले की जांच को निर्देशित किया जा रहा था। आलोक वर्मा के हवाले से और भी कई सनसनीखेज रहस्योद्घाटन किए गए हैं। इसके बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है…”
सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा के बयान के हवाले से उन्होंने कहा है कि केंद्र व राज्य सरकारें सीबीआइ को मोहरा बनाकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार को फंसा रही है।
सीबीआइ निदेशक के आरोपों पर मांझी ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र की मोदी सरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को अलग अलग जांच एजेंसियों के द्वारा कई मुकदमों में फंसा रही है।
मांझी ने कहा है कि जिस तरीक़े से सीबीआइ के निदेशक ने हलफनामा दायर कर कहा है कि केंद्र सरकार के इशारे पर विपक्षी दलों के नेताओं को फंसाने की साजिश रची जा रही है, उससे यह स्पष्ट है कि राजनीतिक विद्वेष के तहत नीतीश कुमार के इशारे पर लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती सहित उनके पूरे परिवार को अलग अलग मुकदमों में फंसाया गया है।
मांझी ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास की मॉनिटरिंग करने के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की करते हुए कहा कि सरकार अगर सही मायने में सीसीटीवी कैमरे लगाना चाहती है तो जनता की सुरक्षा के लिए लगाए, न कि राजनेताओं की जासूसी के लिए।
मांझी ने कहा कि सरकार की तरफ से सीसीटीवी कैमरे पर जो बयान आया है, वह भी संदेह खड़ा करता है। विदित हो कि गृह विभाग की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि तेजस्वी यादव के आवास के बाहर लगे कैमरे काम नहीं कर रहे हैं।
मांझी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री निवास में लगे कैमरे काम ही नहीं कर रहे हैं तो फिर जनता की सुरक्षा में लगे कैमरे कैसे काम करेंगे?
तेजस्वी ने लिखा, ‘हम लगातार कह रहे थे कि नीतीश कुमार भाजपा के साथ मिलकर घिनौना षड्यंत्र रच रहे हैं। अब उनकी नंगई उजागर हो गई है। हमसे पब्लिक डोमेन में स्पष्टीकरण मांग रहे थे कि सीबीआइ ने केस किया है, अब तो सीबीआइ निदेशक ने ही सच बोल दिया है। अब कुटिल कुमार क्या कहेंगे? है शर्म क्या श्रीमान अनैतिक कुमार?’
अपने अगले ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा है कि नीतीश कुमार में अगर नैतिकता, अंतरात्मा और शर्म बची है तो जवाब दें। बेशर्मी से सियासत मत करें। जनता की अदालत में आमने-सामने लड़ें।
तेजस्वी ने आगे लिखा, ‘आप विरोधियों को फंसाते हैं और गोद में बैठने वाले अपराधियों को बचाते हैं। चाचा, अब जनता जनार्दन और भगवान आपके कर्मों या कुकर्मों का हिसाब करेंगे।’
तेजस्वी यादव ने अपने परिवार के चरित्र हनन का आरोप लगाते हुए लिखा,’ हम शुरू दिन से कह रहे थे कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह, नीतीश कुमार और सुशील मोदी राजनीतिक प्रतिशोध के चलते हम पर झूठे केस थोप चरित्रहनन कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें सबसे बड़ा ख़तरा सबसे मुखर धर्मनिरपेक्ष और सामाजिक न्यायवादी दल से है। हम डरने वालों में से नहीं हैं और ना रहेंगे।’
तेजस्वी ने लिखा है, ‘सीबीआइ निदेशक के अनुसार बिहार में हारे हुए अफ़वाह मियां सुशील मोदी किस हैसियत से पीएमओ अधिकारी से मिलकर सीबीआइ से विपक्षी नेता के केस का फ़ॉलोअप कर रहे थे? क्या अब ऐरा गैरा नत्थू खैरा कोई भी भाजपाई सीबीआइ को डिक्टेट करेगा? यह एक ग़लत परिपाटी स्थापित की गई है। इसके अनेक दुष्प्रभाव होंगे।’