एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क डेस्क। देश की राजधानी नई दिल्ली में पकड़े गए पाकीस्तानी का भी बिहार कनेक्शन सामने आया है। वह जिस पहचान पत्र पर रह रह रहा था, उसे बिहार के किशनगंज जिला में बनवाया गया था।
बता दें कि बीते दिन दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने लक्ष्मी नगर ईलाके से मो. अशरफ नामक एक पाकिस्तानी आतंकवादी को पकड़ा, जिसके पास से एक-47 जैसेहथियार भी बरामद किए गए।
खबरों के मुताबिक अशरफ पिछले 15 साल से भारत में रह रहा था। जिसके कई साथी के भी सक्रीय रहने की आशंका है। आखिर बिहार के अंदर पाकिस्तानी आतंकवादी ने फर्जी सरकारी पहचान पत्र कैसे बनवा ली और उसके इस काम में किन लोगों ने मदद की? बिहार के अंदर किन लोगों ने उसे संरक्षण दिया था? स्पेशल टीम इस बात की पड़ताल में जुटी है।
खबरों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम पाकिस्तानी आतंकवादियों के बिहार में प्रवेश के रास्ते की भी पड़ताल कर रही है। आशंका है कि ये आतंकवादी पश्चिम बंगाल के के सिल्लीगुड़ी के रास्ते पहुंचे हैं या फिर पड़ोसी देश नेपाल से इंट्री ली ली है।
बहरहाल, पाकिस्तानी आतंकवादी मो.अशरफ की गिरफ्तारी और उससे जुड़े तार से एक बार फिर बिहार के सीमांचल-मिथिलांचल हलका आतंकियों के सेफ जोन के रुप में सुर्खियों में आ गया है।
2009 दिल्ली ब्लास्ट में मधुबनी का आतंकवादी मदनी को दिल्ली एटीएस ने गिरफ्तार किया था। मदनी ने बताया था कि उसकी बिहार में नक्सलियों से साठगांठ थी और वह नक्सलियों को विस्फोटक के साथ हथियार भी मुहैया कराता था। आईए एक नजर डालते हैं बिहार से जुड़े प्रमुख आतंकी मामले पर..
20 जुलाई, 2006: मुंबई ATS ने मधुबनी के बासोपट्टी बाजार से मो. कमाल को मुंबई लोकल ट्रेन धमाके में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था।
2 जनवरी, 2008: रामपुर (यूपी) CRPF कैंप में हुए विस्फोट मामले में मधुबनी के सकरी के गंधवारी गांव से 2 जनवरी, 2008 को सबाऊद्दीन को गिरफ्तार किया था।
26 नवंबर, 2011: दिल्ली पुलिस ने मधुबनी के सिंघानिया चौक व सकरी के दरबार टोला से अफजल व गुल अहमद जमाली को पकड़ा था।
19 नवंबर, 2011: दरभंगा के केवटी अंतर्गत बाढ़ समैला के कतील सिद्दीकी उर्फ साजन की दिल्ली में गिरफ्तारी हुई थी।
12 जनवरी, 2012: दरभंगा के जाले थाना के देवड़ा बंधौली गांव निवासी नदीम और नक्की को गिरफ्तार किया गया था। दोनों की निशानदेही पर विस्फोट में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल मिली थी।
21 फरवरी 2012: ATS ने शिवधारा से साइकिल मिस्त्री कफील अहमद को पकड़ा था। वह इंडियन मुजाहिदीन का मेंटर रहा है।
6 जनवरी, 2012: दरभंगा के केवटी थाने के समैला गांव से कर्नाटक पुलिस ने संदिग्ध आतंकी मो. कफील अख्तर को गिरफ्तार किया था। बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम विस्फोट में उसकी संलिप्तता सामने आई थी।
13 मई, 2012: सऊदी अरब में केवटी के बाढ़ समैला गांव के फसीह महमूद को भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से पकड़ा था। आइएम चीफ रियाज भटकल और इकबाल भटकल से जुड़ा फसीह 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के बाद सऊदी अरब भाग गया था। जहां से IM को पैसे मुहैया कराता रहा। दाऊद इब्राहिम का सहयोगी फजलुर्रहमान भी जाले थाने के देवड़ा बंधौली गांव का है। अभी वह तिहाड़ जेल में बंद है।
21 जनवरी 2013: लहेरियासराय थाने के चकजोहरा मोहल्ला से मो. दानिश अंसारी को कथित आतंकी हमले की साजिश में गिरफ्तार किया गया था। दोनों IM सरगना यासीन भटकल के गुर्गे थे।
अगस्त, 2013: इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकवादी यासीन भटकल व अब्दुल असगर उर्फ हड्डी को पूर्वी चंपारण से लगे नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया।
अगस्त, 2019: गया से कोलकाता ATS ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के एक सदस्य को गिरफ्तार किया। वह पश्चिम बंगाल के वर्दमान विस्फोट का आरोपी था।
फरवरी, 2021: सारण के मढ़ौरा थाना के देव बहुआरा निवासी रिटायर शिक्षक महफूज अंसारी के 25 वर्षीय पुत्र जावेद को उसके पैतृक घर से पकड़ा गया। जावेद की दोस्ती अलीगढ़ के एक कॉलेज में कथित आतंकी कनेक्शन वाले कश्मीर के मुश्ताक नामक एक युवक से हुई जावेद ने ही सारण से करीब 7 पिस्टल मुश्ताक को मुहैया कराई थी।