पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में बड़बोले और हेकड़ीबाज नेताओं की कमी नहीं है। उन्हीं में एक हैं सम्राट चौधरी। फिलहाल भाजपा कोटे से नीतीश सरकार में सरकार में मंत्री हैं और उन्हें उप मुख्यमंत्री का दर्जा प्राप्त है।
दरअसल, सितंबर 2022 को अपनी मां के निधन के बाद सम्राट चौधरी ने बतौर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अपने सिर पर भगवा मुरेठा (पगड़ी) बांधा था। उसके बाद एक सभा में उन्होंने चीखकर कहा था कहा था कि जब तक वह नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी से नहीं हटा देंगे, तब तक वह पगड़ी नहीं खोलेंगे। अपने इस हकड़ी को सम्राट चौधरी ने अन्य मंचों से कई बार दोहराई।
उस समय बिहार में राजद नीत महागठबंधन की सरकार थी। सम्राट चौधरी लगातार सीएम नीतीश कुमार और महागठबंधन सरकार पर हमलावर रहते थे। अचानक सियासी उलटफेर हुआ और सीएम नीतीश कुमार राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के साथ आ गए। इसी के साथ प्रदेश स्तरीय सम्राट चौधरी की सारी हवा निकल गई।
इधर महागठबंधन के नेता भी सम्राट के मुरेठा खोलने को लेकर सवाल करते आए हैं। अब अयोध्या में अपना मुरेठा खोलने जाने से पहले सम्राट चौधरी ने कहा था कि बिहार के विकास के लिए व्यक्तिगत कुछ नहीं हो सकता है। राज्य और देश के लिए व्यक्तिगत निर्णय को भी बदला जा सकता है।
हालांकि, पगड़ी खोलने पर राजद ने कड़ा सवाल किया है और पूछा है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी आन पड़ी कि सम्राट चौधरी अपने संकल्प को तोड़ते हुए पगड़ी खोलनी पड़ी? ,क्या बिहार से मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा पूरी तरह से नीतीश कुमार के सामने नतमस्तक हो चुकी है या सत्ता में बने रहने का लालच सम्राट चौधरी को ऐसा करने पर मजबूर कर दिया है? उन्हें इस मुद्दों पर जवाब देना चाहिए।
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