पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार भूमि सर्वेक्षण से संबंधित स्व-घोषणा के लिए आवश्यक प्रपत्र-2 का ऑनलाइन आवेदन इन दिनों एक बड़ी समस्या बन गया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की वेबसाइट https://dlrs.bihar.gov.in/Raiyat123.aspx पिछले दो दिनों से ठप पड़ी है। जिससे दूर-दराज क्षेत्रों के रैयतों को भारी दिक्कतें हो रही हैं। सर्वर एरर और तकनीकी खामियों के कारण रैयत अपने आवेदन ऑनलाइन नहीं कर पा रहे हैं।
सर्वर ठप की आम शिकायतः यह पहली बार नहीं है कि वेबसाइट में तकनीकी समस्या आई है। पहले भी वेबसाइट के सर्वर में जगह की कमी का संदेश आ चुका है और कई बार आवेदन प्रक्रिया बाधित होती रही है। अक्सर ऐसा भी होता है कि वेबसाइट चालू रहने के बावजूद प्रपत्र-2 अपलोड नहीं हो पाता और ‘सर्वर में जगह नहीं है’ का संदेश आता है।
साथ ही आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने की सीमा तीन एमबी है। पर दो एमबी से थोड़ी अधिक फाइल भी अपलोड नहीं हो पा रही है। इससे रैयतों को बार-बार अपलोड प्रयास करना पड़ता है।
ऑफलाइन प्रक्रिया में दलालों का बढ़ता वर्चस्वः ऑनलाइन आवेदन ठप होने के कारण रैयतों को ऑफलाइन आवेदन के लिए सर्वे शिविरों का रुख करना पड़ रहा है। जहां दलाल सक्रिय हैं। शिविरों में ऑफलाइन आवेदन की सुविधा तो है, लेकिन दलालों का बोलबाला है और पावती रसीद नहीं देने के साथ सर्वे कार्य में तेजी लाने के लिए पैसे मांगने की शिकायतें सामने आ रही हैं।
ऐसे में ऑनलाइन आवेदन ठप होने से न केवल रैयतों को परेशानी हो रही है, बल्कि भ्रष्टाचार भी बढ़ गया है। इस स्थिति में रैयतों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है और उनका समय भी बर्बाद हो रहा है।
मंत्री और सचिव की बैठकें बेअसरः राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने सर्वर की धीमी गति और उससे हो रही समस्याओं की समीक्षा बैठक की थी। जहां विभाग के सचिव जय सिंह ने इस समस्या के समाधान के लिए बेल्ट्रॉन और स्टेट डाटा सेंटर से बात करने का आश्वासन दिया था। फिर भी समस्या बरकरार है और वेबसाइट का ठप रहना जारी है।
रैयतों में आक्रोश, सुधार की आवश्यकताः लगातार ऑनलाइन आवेदन न हो पाने के कारण दूर-दराज के रैयतों को शिविरों में भीड़ का सामना करना पड़ रहा है। सर्वे शिविरों में भीड़ बढ़ने से काम धीमा हो गया है और स्व-घोषणा के लिए आवेदन की गति भी थम सी गई है।
विभाग को सर्वर की समस्या को गंभीरता से लेते हुए स्थायी समाधान की दिशा में काम करना होगा। ताकि रैयतों को सहजता से आवेदन करने का मौका मिल सके और भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाया जा सके।
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