पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो)। बिहार विधानसभा के 100 वर्ष के इतिहास में 23 मार्च का दिन हमेशा याद किया जाएगा।
सदन में प्रस्तावित पुलिस बिल के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संग्राम छिड़ा रहा। जिस तरह से सदन में पुलिस बलों के सहयोग से विपक्षी विधायकों को पीटा गया, वह लोकतंत्र को शर्मशार करने वाला था।
अपने विधायकों की पिटाई से नाराज़ प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने ऐलान कर दिया है जब तक पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियो पर कार्रवाई के साथ सीएम नीतीश कुमार इस शर्मनाक घटना पर सार्वजनिक माफी नहीं मांगते, तब तक वे सदन नहीं जाएंगे। चाहे इसके लिए उन्हें पांच साल लग जाएं। पूरा विपक्ष पूरे पांच साल तक सदन का बहिष्कार करेगा।
तेजस्वी यादव ने साफ ऐलान कर दिया है कि राजद महिला विधायकों के साथ अमर्यादित पिटाई और व्यवहार को कभी नहीं भूलेगा।
उन्होंने कहा कि पुलिस बिल को उसी पुलिस के बल पर सदन में पास कराया गया है जब यही पुलिस कभी भी नीतीश कुमार के घर में घुसकर पीटेगी तब समझ में आएगा। उन्होंने एक ग़लत बिल को पास कराने में साथ दिया है।
सीएम नीतीश कुमार द्वारा भाजपा की तानाशाही लागू करते हुए पुलिस बिल एक निर्लज्ज परंपरा की शुरुआत है। जिसे इतिहास कभी नहीं भूलेगा।
बिहार विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को ‘निर्लज्ज कुमार ‘की संज्ञा देते हुए कहा कि निर्लज्ज कुमार को कल बड़ा मजा आ रहा होगा, जब सदन में महिला विधायकों की साड़ी उतारी जा रही थी।
उनके ब्लाउज में हाथ डाला जा रहा था। उन्हें मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां दी जा रही थी और उन्हें बाल पकड़ कर घसीटा जा रहा था।
इस शर्मनाक घटना के बाद नीतीश कुमार नृत्य-संगीत का आनंद उठा रहे थे। लेकिन तेजस्वी यादव औऱ बिहार की जनता इस घटना को भूलने वाली नहीं है।