पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार राज्य के सरकारी स्कूलों के वैसे सभी नियोजित शिक्षक, जो राज्यकर्मी बनने के लिए सक्षमता परीक्षा में शामिल हुए हैं, भौतिक सत्यापन में नहीं आने वाले वैसे नियोजित शिक्षकों को एक मौका और दिया गया है।
ऐसे नियोजित शिक्षकों को जांच समिति के समक्ष 15 अप्रैल तक शिक्षा विभाग में हाजिर होने को कहा गया है। उसमें शामिल नहीं होने वाले नियोजित शिक्षक फर्जी घोषित किये जायेंगे। इससे संबंधित शिड्यूल शिक्षा विभाग ने जारी किया है।
शिक्षा विभाग ने दो टूक कहा है कि जांच समिति के समक्ष नहीं आने वाले नियोजित शिक्षकों को फर्जी घोषित करने का निर्णय लिया जा सकता है। इसके लिए संबंधित नियोजित शिक्षक स्वयं जिम्मेदार होंगे।
ऐसे नियोजित शिक्षकों की सूची जारी करते हुए उसे तामिल कराने के निर्देश माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव द्वारा राज्य के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिये गये हैं।
दरअसल, सक्षमता परीक्षा में शामिल नियोजित शिक्षकों में से 1,151 नियोजित शिक्षक बीटीईटी, सीटीईटी, एसटीईटी के रौल नंबर के अनुसार फर्जी के रूप में चिन्हित किये गये थे।
उनमें अररिया के 38, अरवल के 30, औरंगाबाद के 24 बांका के 52, बेगूसराय के 39, भागलपुर के 33, भोजपुर के 37, बक्सर के 29, दरभंगा के 56, पूर्वी चंपारण के 20, गया के 56, गोपालगंज के 30, जमुई के 35, जहानाबाद के 51, कैमूर के पांच, कटिहार के 17, खगड़िया के 13, किशनगंज के 17, लखीसराय के 10, मधेपुरा के 28, मधुबनी के 36, मुंगेर के 29, मुजफ्फरपुर के 58, नालंदा के 40, नवादा के 79, पटना के 55, पूर्णिया के 35, रोहतास के 25, सहरसा के 18, समस्तीपुर के 53, सारण के 22, शेखपुरा के 28, शिवहर के पांच, सीतामढ़ी के 16, सिवान के 41 सुपौल के 12, वैशाली के 18 एवं पश्चिमी चंपारण जिले के 15 नियोजित शिक्षक थे।
ऐसे सभी 1,151 नियोजित शिक्षक भौतिक सत्यापन के लिए शिक्षा विभाग में तलब किये गये थे। भौतिक सत्यापन के लिए शिक्षा विभाग ने बजाप्ता शिड्यूल बनाया था। शिड्यूल के तहत शिक्षा विभाग के डॉ. मदन मोहन झा स्मृति सभागार में सात मार्च से शुरू हुआ।
तय शिड्यूल के मुताबिक भौतिक सत्यापन का कार्य 22 मार्च तक चला। भौतिक सत्यापन में संदेह के घेरे में आने वाले नियोजित शिक्षकों के डॉक्यूमेंट जब्त किये गये । लेकिन, तकरीबन 420 नियोजित शिक्षक भौतिक सत्यापन के लिए नहीं आये। इससे यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि भौतिक सत्यापन में शामिल नहीं होने वाले संबंधित 420 नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट कहीं फर्जी तो नहीं हैं ?
यह आशंका इस बात को लेकर भी है कि भौतिक सत्यापन में नहीं आने वाले नियोजित शिक्षकों द्वारा उसमें शामिल नहीं होने को लेकर किसी प्रकार की सूचना भी नहीं दी गयी है। इससे इतर भौतिक सत्यापन में शामिल नियोजित शिक्षकों में से दर्जनों नियोजित शिक्षक संदेह के घेरे में हैं। ऐसे नियोजित शिक्षकों के डॉक्यूमेंट जब्त किये गये हैं।
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