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    Friday, November 22, 2024
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      विश्व कार्टून दिवस: आईपीएस का ‘कार्टूनिस्ट अवतार’ कूची के निशाने पर पीएम-सीएम

      पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़)। कार्टून अभिव्यक्ति का ऐसा सशक्त माध्यम है, जिसकी सहायता से सरलता पूर्वक समाज में व्याप्त बुराइयों के खिलाफ एक रोचक तरीके से आवाज उठाई जा सकती है। कार्टून कला को समकालीन सामाजिक मुद्दों का आईना कहा जा सकता है। कार्टून किसी भौगोलिक, भाषाई व सांस्कृतिक सीमाओं में नहीं बंधी है। भारत में आजादी से पूर्व राजनीतिक कार्टून का खासा महत्व रहा है।

      कहते हैं, एक तस्वीर एक हजार शब्दों के बराबर होती है। मगर एक कार्टून का महत्व दस हजार शब्दों के बराबर होता है। जीवन और कार्यों की विसंगतियों को प्रकट करने या उन पर कटाक्ष या आलोचना के लिए सभ्यता के आरंभिक काल से ही मनुष्य की व्यंग्य -चित्रों में रूचि रही है। व्यंग्य चित्र कला का आदि रूप कहा जा सकता है।

      यूं तो कई पेशेवर कार्टूनिस्ट देश में हुए हैं, लेकिन कुछ शौकिया तौर पर देश के सिस्टम पर अपने कार्टून के माध्यम से चोट करते रहें हैं। बिहार के एक ऐसे ही आईपीएस अधिकारी हैं, जो पिछले कोरोना काल से कार्टून विधा में अपने हाथ आजमाते आ रहें हैं।

      World Cartoon Day PM CM on target of IPSs cartoonist avatar Kuchi 1बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी एक बार फिर से कार्टूनिस्ट अवतार में हैं, और उनके कूची के निशाने पर प्रधानमंत्री और उनका सिस्टम है।

      बिहार कैडर के 1994 बैच के अमिताभ कुमार दास उन आईपीएस में से एक रहें जो लॉ एंड आर्डर के लिए कुछ भी कर सकते थे। लेकिन पूरी संवेदनशीलता के साथ। किसी के दबाव में न आने वाले श्री दास आम और खास में कोई फर्क नहीं करते थे। उनके लिए कानून सबके लिए एक जैसा था और उसकी धाराएं भी। चाहे सरकार किसी की रही। उनका ट्रांसफर कहीं भी किया गया, बिना डरे हुए वहीं किया जो एक अधिकारी को ईमानदारी से करना चाहिए।

      उन्होंने बाहुबली अनंत सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला,उनकी जान खतरे में भी आई लेकिन निर्भीकता के साथ कर्तव्य पर डटे रहे। जब भाजपा के कद्दावर नेता गिरिराज सिंह मोदी मंत्रिमंडल में पहली बार शामिल हुए तो दूसरे ही दिन तत्कालीन विशेष शाखा के महानिरीक्षक जेएस गंगवार को एक रिपोर्ट भेजी, जिसमें कहा गया था कि गिरिराज सिंह का संबंध जातिय संगठन रणवीर सेना के साथ है।

      इस सनसनीखेज रिपोर्ट के बाद बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग के एसपी पद से हटाकर उन्हें पुलिस अधीक्षक, नागरिक सुरक्षा आयुक्त बना दिया गया।

      इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि राजनेताओं की वजह से नौकरशाही देश को दीमक की तरह चट कर रही है। जहां राजनीतिक प्रभुत्व के चलते भ्रष्टाचार और अक्षमता का पर्याय बनी नौकरशाही चाटुकारों के हाथ में खेलती हो, वहां ऐसे माहौल में ईमानदार आईपीएस अधिकारियों के लिए काम करना मुश्किल हो जाता है।World Cartoon Day PM CM on target of IPSs cartoonist avatar Kuchi 2

      कुछ ऐसा अमिताभ कुमार दास के साथ भी हुआ। सीएम नीतीश कुमार के दूसरे कार्यकाल के दौरान उन्हें ज्यादातर निलंबन का दंश झेलना पड़ा। किसी के समक्ष नहीं झुकने वाले इस अधिकारी को अंततः सरकार ने तीन महीने का अग्रिम वेतन देकर जबरन ऐच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी।

      हालांकि मामला अभी भी न्यायालय में लंबित है। अपनी सेवा काल के दौरान राह में आनेवाली हर बाधा, रूकावट को अपनी उपलब्धियों में बदलने वाले अमिताभ कुमार दास एक बेमिसाल अफसर रहें।

      अमिताभ कुमार दास एक बेमिसाल अफसर ही नहीं थे, बल्कि वे एक क्रांतिकारी विचारों के वाहक भी हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री दास फुर्सत के क्षणों में किताबें पढ़ते हैं,गायन भी कर लेते हैं। अपनी कूची के माध्यम से विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार भी रखते हैं।

      पिछले कोरोना में उन्होंने कार्टून विधा में हाथ आजमाया जो ‌काफी लोकप्रिय भी रहा। अपने कूची के माध्यम से उन्होंने देश में कोरोना की भयावह स्थिति और सरकार की नाकामियों को उजागर किया तो वह बिहार के सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ भी कार्टून के माध्यम से उनपर आक्रमक रुख दिखाया।

      उन्होंने सौ से ज्यादा कार्टून बनाएं। बकौल श्री दास कार्टून बनाना उनका बचपन से शौक रहा है। स्कूलों में वह अपने सहपाठियों और स्कूल शिक्षकों पर कार्टून बनाया करते थे।

      World Cartoon Day PM CM on target of IPSs cartoonist avatar Kuchi 3एक बार फिर से अमिताभ कुमार दास ‘कार्टूनिस्ट अवतार’ में है। इस बार उन्होंने अपने कूची के माध्यम से देश की वर्तमान राजनीतिक, पूंजीवादी व्यवस्था पर चोट करते हुए प्रधानमंत्री के देश के पूंजीपतियों के साथ गठजोड़ को उजागर किया है। उन्होंने देश के कथित ‘अमृतकाल’ पर अपने कार्टून के द्वारा चोट की है।

      पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सदस्यता खत्म होने पर उन्होंने एक कार्टून बनाया जिसमें गौतम अडानी सवाल कर रहे हैं,’ अरे सुना है कि राहुल गांधी संसद से सड़क पर आ गया। इसपर कार्टून में बने पीएम कह रहे हैं,’ मगर‌ फिर भी सारी दुनिया मुझे ही सड़क छाप कहती है।

      देश में जहां बोलने की आजादी पर पहरे बैठाया जा रहा है ऐसे दौर में उनका एक कार्टून काफी प्रासंगिक है। जिसमें सरकार के माध्यम से सबके मुंह पर ताले लगा देने का जिक्र है।

      किसानों के समर्थन मूल्य नहीं देने पर एक व्यंग्यात्मक कार्टून में, तू किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देगा? इस पर वे कहते हैं, कभी नहीं मालिक मैं आपको अधिकतम समर्थन मूल्य दूंगा। उन्होंने पीएम और गौतम अडानी के संबंधों पर दर्जनों कार्टून बनाएं हैं,जो काफी चर्चित है।

      श्री दास बिहार के सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ भी काफी खुलकर बोलते रहे हैं,लिखते रहें। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार और बिहार की राजनीति व्यवस्था पर भी काफी गंभीर और विचारोत्तेजक कार्टून बनाएं हैं। अभी हाल में बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई को लेकर कई कार्टून बनाएं जो सोशल मीडिया में काफी चर्चित रहें हैं।

      ऐसे समय में जब सता प्रतिष्ठान के खिलाफ बोलने पर लोगों का गला घोंटा जा रहा है। जेल भेजा जा रहा है, मुकदमे में फंसा दिया जाता है। वहीं श्री दास काफी निर्भीकता और बेबाकी के साथ कार्टून के माध्यम से वर्तमान राजनीतिक हालात पर चोट करते आ रहे हैं।

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