पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। बिहार के सीएम नीतीश कुमार अपनी वर्षो पुरानी उपलब्धियों को गिनाने पर आ गए हैं।
उन्होंने बाढ़ बिजलीघर के स्टेज-1 की पहली यूनिट के लोकार्पण की आयोजित एक कार्यक्रम में बुजुर्गों से अपील करते हुए कहा कि वे नयी पीढ़ी के लोगों को बताएं कि कैसे बाढ़ बिजलीघर की स्थापना हुई।
सीएम ने आज बिजलीघर निर्माण का राज भी खोला कि बतौर रेलमंत्री उन्होंने तत्कालीन ऊर्जा मंत्री आरके मंगलम के अनुरोध पर उनके क्षेत्र की कई योजनाओं को मंजूर किया।
इसके कुछ दिनों के बाद मंगलम ने उन्हें बताया कि वे मेरे क्षेत्र में बिजलीघर लगाना चाहते हैं। मैं हतप्रभ था, क्योंकि उस समय के प्रावधान के अनुरूप बाढ़ में बिजलीघर लग नहीं सकता था। उसके लिए मानक तय थे।
इसकी जानकारी जब उन्हें मैंने दी तो उन्होंने कहा कि सिर्फ जमीन दीजिए। उनकी पहल पर केन्द्रीय अधिकारियों की टीम बिहार आई।
मैंने केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि वे पटना से 20 किमी आगे जाएं और वहां से 100 किमी की दूरी में जमीन देखें। जो पसंद होगा, बिजलीघर के लिए दी जाएगी।
टीम ने इसी स्थल का चयन किया। यह 1998 की बात है। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी से बात की गयी। उन्होंने भी अपनी सहमति दे दी।
सीएम ने आगे बताया कि मार्च 1999 में शिलान्यास का कार्यक्रम भी बन गया। जमीन अबतक ली नहीं गयी थी। तब तक बिहार में फरवरी 1999 में राष्ट्रपति शासन लग चुका था।
इसके बाद वे राज्यपाल सुंदर सिंह भंडारी के पास पहुंचे और उनसे कृषि फार्म का 25 एकड़ जमीन मांगी। मात्र 24 घंटे में वह जमीन बिजलीघर को ट्रांसफर कर दी गयी। इसके बाद किसी ने शिकायत की कि यह पक्षी अभयारण्य की जमीन है।
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की टीम आई और रिपोर्ट भी सौंप दी गयी। फिर नयी बाधा खड़ी हो गयी। इसके बाद उन्होंने केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री टी.आर. बालू से मुलाकात की और उन्हें वास्तविकता से अवगत कराया।
बताया कि यह तो टाल का इलाका है। बाद में केन्द्रीय मंत्री की पहल पर रिपोर्ट खारिज हुई और बिजलीघर का रास्ता साफ हुआ।
वहीं केन्द्रीय उर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने इसकी घोषणा की और कहा कि जो बिजलीघर पहले से चल रहे हैं और जहां जमीन उपलब्ध होगी, वहां पर नई यूनिट लगाने पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने एनटीपीसी को मल्टीनेशनल कंपनी बनाने का भी ऐलान किया। सिंह शनिवार को बाढ़ बिजलीघर के स्टेज-1 की पहली यूनिट के लोकार्पण के बाद लोगों से रूबरू थे।