एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। नालंदा जिला प्रशासन की अधिकृत फेसबुक पेज District Administration, Nalanda पर “बापू के संदेशों को जन जन तक पहुंचा रहा गाँधीरथ ” शीर्षक से जारी सूचना के साथ पहले जो फोटो संलग्न किये गये हैं, वे जहां गांधी जी के ही स्वच्छ भारत की परिकल्पना का मजाक उड़ा रही थी।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज.कॉम पर इस आशय की खबर प्रकाशन के बाद अधिकारिक शोसल फेसबुक पेज District Administration, Nalanda के उस फोटो को अब चेंज कर दिया गया है।
पहले के संलग्न फोटो में मासूम स्कूली बच्चों को बिखरे कूड़े-कचरे पर पुस्तक समेत बैठा कर स्कूल के शिक्षकों या गांधी जी के व्यक्तित्व-विचारों का प्रसार-प्रसार करने वाली टीम ने सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में प्राईमरी शिक्षा की सूरत बता रही थी।
सबाल उठता है कि District Administration, Nalanda की अधिकृत फेसबुक पेज के कंटेंट बिना किसी तरह के पुष्टि या स्पष्टीकरण के बदलना कितना अनैतिक और गैर कानूनी है?
District Administration, Nalanda का संचालन यदि किसी नीजि संस्था या व्यक्ति के हाथ में हो या सरकारी हाथ में। दोनों स्थिति में आईटी एक्ट की कई धाराओं के आलावे आईपीसी के तहत आम जनता के साथ मीडिया को गुमराह करने का स्पष्ट मामला बनता है।
District Administration, Nalanda फेसबुक पेज पर जारी सूचनाओं को लोग जिला प्रशासन की अधिकारिक सूचना मान कर चलते हैं। मीडिया उसे प्रकाशित-प्रसारित करती है।
फेसबुक जैसे सोशल पेज पर एकाउंट एडमिन का अधिकार होता है कि वह जब चाहे कंटेंट अपडेट कर सकता है, एडिट कर सकता है, डीलीट कर सकता है, उसे चेंज कर सकता है।
जरा कल्पना कीजिये कि सरकारी स्तर के पेज पर कोई कंटेंट जारी किया जाये और दो दिन बाद मीडिया के विभिन्न फार्मेटों में प्रसारित-प्रकाशित होने के बाद उसे डीलीट कर दिया जाये, उसे चेंज कर दिया जाये, उसे एडिट कर दिया जाये, उसे अपडेट कर दिया जाये तो विश्वसनीयता पर किस तरह के सबाल उठेगें।
सबसे बड़ी बात कि उन सूचनाओं को प्रसारित-प्रकाशित करने वाले मीडिया के विभिन्न फार्मेटों की स्थिति क्या होगी। भविष्य में इस तरह की सरकारी सूचनाओं को शंका भरी नजरों से देखना लाजमि है।
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