Home देश हर घर की सम्मान का प्रतीक है शौचालयः डॉ. त्यागराजन  

हर घर की सम्मान का प्रतीक है शौचालयः डॉ. त्यागराजन  

समूचे  नालंदा जिले को 15 अगस्त तक खुले में शौच मुक्त बनाना है। इसके लिए अधिकारियों व कर्मियों को मिशन भावना से काम करना होगा। हर जन को जागरूक करना होगा।“

नालंदा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। उक्त बातें डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने शनिवार को राजगीर स्थित इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यशाला के दौरान कही।

nalanda odf rajgir admin 2डीएम ने कहा कि कर्मियों को नये चैलेंज के साथ काम करना है। चुनौती का सामना करें। अगर इच्छा शक्ति हो तो रास्ता निकल ही जायेगा। हर घर में शौचालय बनाना है। लोगों के मन में जागरूकता लानी है।

उन्होंने कहा कि खुले में शौच करने से कई तरह की बीमारी का शिकार होना पड़ता है। खुले में शौच नहीं होगी तो बीमारी भी दूर होगी। बीमारी पर ख़र्च होने वाला पैसा बचेगा। लोगो का जीवन स्तर ऊंचा बनेगा। मोटिवेटरों को इसे अभियान की तरह सफल बनाना है। इसमें अधिकारियों, कर्मियों, पंचायत प्रतिनिधियों सहित आम लोगों का भी पूरा सहयोग चाहिए।

डीएम ने कहा कि अगर इस अभियान में काई गड़बड़ी की शिकायत मिलती है तो उसकी जांच की जायेगी और जांच के बाद दोषी लोगों के उपर कानूनी कार्रवाई होगी। मिशन 40 हजार गड्ढा खोदने के काम में रविवार से ही लग जाना है।

उन्होंने कहा कि  निर्मल नालंदा अभियान जो एक साल पहले शुरू हुआ था उसे इस साल अगस्त महिने में पूरा करना है। वहीं इस काम को प्रखंड स्तर पर बीडीओ मॉनिटरिंग करेंगे। काम समय से पूरा हो इसका ख्याल रखें। गुणवत्तापूर्ण पूर्ण काम होने चाहिये। शौचालय निर्माण के पैसे भुगतान में कोई परेशानी नहीं है।

डीडीसी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि जिले को शौच मुक्त बनाना है। मिशन 40 हजार में रविवार से ही लोगों को लग जाना है। रविवार को सभी स्वच्छताग्राही अपने-अपने क्षेत्र में 30 शौचालय के लिए गड्ढा खोदवायें। सभी अपनी व्यक्तिगत जिम्मेवारी समझ कर काम करें। फरवरी के अंत तक 40 हजार शौचालय बनाना है।

राजगीर प्रखंड पहले से खुले में शौच मुक्त हो गया है। लोगों में इस कदर शौचालय की बात को कहना है कि उनका इससे भावनात्मक लगाव हो जाय। उनके दिल पर चोट हो और वे तुरंत ही शौचालय बनाने के लिए तैयार हो जाएं।

ट्रेनर केके हिटलर ने कहा कि यहां से जाकर सभी गड्ढा खोदो अभियान में लग जाएं। शौचालय निर्माण के लिए यह जरूरी है कि लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना। वहीं इसके लिए शौचालय का निर्माण करना है और उसका उपयोग भी जरूरी है। इस काम के लिए पंचायत के प्रतिनिधियों को सामाजिक दंडविधान भी बनाना होगा।

इस कार्यशाला में जिले के मुखिया, इंदिरा आवास सहायक, जीविका की दीदियां, स्वच्छताग्राही, संबंधित प्रखंड के बीडीओ सहित अन्य ने भाग लिया।

इस मौके पर डीडीसी सुब्रत कुमार सेन, डीआरडीए निदेशक, जीविका के डीपीएम, एसडीओ लाल ज्योति नाथ शाहदेव, डीसीएलआर प्रभात कुमार सहित अन्य मौजूद थे।

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