Home देश सीएम सात निश्चय योजना में चल रहा कमीशनखोरी का खुला खेल

सीएम सात निश्चय योजना में चल रहा कमीशनखोरी का खुला खेल

चंडी (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज )। भ्रष्टाचार की बात करना अब वैसा ही है, जैसे सत्यवादी हरिश्चंद्र की कथा सुनना। ईमानदारी अब लुप्त हो गई है, बेईमानी उतनी पुरानी बात हो गई है।

नालंदा जिले के चंडी प्रखंड में चल रहे सात निश्चय योजना में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हो चुकी है। सीएम नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना में जमकर कमीशनखोरी का खेल चल रहा है।cruption 1

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है और इस मौके पर एक महिला सदस्य ने बीडीओ से सात निश्चय योजना में पंचायत सेवक के द्वारा कमीशन मांगने की शिकायत की है।  दूसरी तरह एक महिला मुखिया के पति पर आरोप चेक हजम करने का आरोप लगाया है।

बुधवार को इसी मामले में चंडी बीडीओ विशाल आनंद को चंडी तथा गंगौरा पंचायत के वार्ड संख्या 12 से दो आवेदन प्राप्त होते हैं। जिसमें एक में पंचायत सचिव तथा दूसरे में मुखिया पति द्वारा कमीशन की मांग की जा रही है

चंडी प्रखंड के चंडी पंचायत के अंतर्गत वार्ड संख्या 12 के सदस्य संग्राम सिंह ने चंडी बीडीओ को दिए आवेदन में आरोप लगाया है कि मुखिया रेणू देवी के पति जो कि टोला सेवक भी है, वे नाली गली में साम्रगी देने के नाम पर दो लाख छिहतर हजार का चेक हजम कर लिए हैं।

सदस्य के अनुसार वार्ड क्रियान्वयन और प्रबंध समिति के खाते पर सात निश्चय के कार्य के लिए 22 फरवरी को 12 लाख की राशि प्राप्त हुई थी। मुखिया के पति ने सामग्री देने के नाम पर दो लाख छिहतर हजार का चेक कटवा लिया।

जब वह सामग्री कार्यस्थल भेजने के लिए मुखिया पति से मिला तो उन्होंने उक्त चेक देने से मना कर दिया और कहा कि “वह तो कमीशन में ही खत्म हो गया। आपलोग ऐसे कमीशन नहीं देते हैं ।उस राशि में हमलोगों का कमीशन बनता है।“

इधर गंगौरा पंचायत के वार्ड संख्या 12 के ही वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंध समिति के अध्यक्ष रेणु देवी और सचिव वीरेश कुमार ने बीडीओ को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि वार्ड संख्या 12 में नल जल का कार्य पूरा हो गया है। नाली गली निर्माण के लिए बालू, सीमेंट गिरा चुके हैं।

पंचायत सचिव लालदेव प्रसाद से योजना की चेक मांगने गए तो उन्होंने पांच प्रतिशत के हिसाब से कमीशन की मांग कर दी है।

जबकि प्रथम योजना का चेक के दौरान उन्होंने 15 हजार रूपये ले लिए थे। फिर से चालीस हजार की मांग कर दी है। 

पंचायत सचिव का कहना है कि अगर रूपये नहीं दोगे तो पूरे पंचायत में योजना की जांच करा देंगे।

अब सवाल यह उठता है कि कमीशन खोरी के बीच धरातल पर ठोस कार्य कैसे होगा। जरूरत है एक निष्पक्ष जांच की और ऐसे दोषियों को सजा देने की।

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