“समाज में शिक्षक का स्थान काफी सम्मानित माना जाता है। आम आदमी के शव के साथ ऐसा व्यवहार पीड़ादायक है। पुलिस भी इन्सान हैं। किसी भी मृत्तात्मा के प्रति ऐसे व्यवहार काफी अशोभनीय है।”
इस हादसा के बाद की दो वायरल वीडियो बहुत कुछ कहती है। पहला पुलिस बिल्कुल साधन-संसाधन वीहिन है या संवेदनहीन है। दूसरा वह प्रायः अमानवीयता के मानसिकता से ग्रस्त है।
वीडियो से साफ स्पष्ट है शिक्षक के शव को सीट पर रखा गया। लेकिन संग पुलिस वाले ने उसे अपने पैरों पर गिराकर उस सीट पर अपना मोबाईल रख सामने की दूसरी सीट पर बैठ गये।
जैसा कि शोसल ग्रुपों में इसकी तीखी प्रतिक्रिया हो रही है, महकमे के वरीय अफसरों को कड़ाई से संज्ञान लेनी चाहिये। ताकि भविष्य में ऐसी किरकिरी से बचा जाये।