“झारखंड उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार के शराब बेचने के रास्ते को साफ कर दिया है। कल सोमवार को इस मामले मे दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने शराब बिक्री के लिए मैन पावर सप्लाई के टेंडर को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।”
राज्य सरकार ने शराब बिक्री की जवाबदेही झारखंड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपी है। बिवरेजेज कॉरपोरेशन ने खुदरा शराब बिक्री के लिए 492 दुकानें संचालित करने का निर्णय लिया है। इनमें से 210 दुकानों में मंगलवार से शराब की बिक्री शुरू की जाएगी। इससे पूर्व राज्य भर में 1000 से अधिक निजी शराब की दुकान चल रही थी।
इधर, झारखंड उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार के शराब बेचने के रास्ते को साफ कर दिया है। कल सोमवार को इस मामले मे दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने शराब बिक्री के लिए मैन पावर सप्लाई के टेंडर को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। याचिका कोर सेक्यूरिटी ने दाखिल की थी।
कल सोमवार को मीडिया से मुखातिब उत्पाद विभाग के सचिव अविनाश कुमार ने सरकार के इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि उत्पाद अधिनियम की मूल मंशा है कि बाजार में शराब नियंत्रित रूप से रहे।
इसके लिए उत्पाद नीति लागू की गई है। पहले होल सेल पर ही बिवरेजेज कॉरपोरेशन का नियंत्रण रहता था। अब रिटेल पर भी कॉरपोरेशन का सीधा नियंत्रण होगा।
इसके तहत पहले से ही लाइसेंस धारी निजी दुकानों को महज चार माह का लाइसेंस दिया गया था जो कि 31 जुलाई को समाप्त हो गया। अब एक अगस्त से इस व्यवस्था पर बिवरेजेज कॉरपोरेशन का पूर्ण नियंत्रण हो गया।
पूरे राज्य में अब सिर्फ बिवरेजेज कॉरपोरेशन की ही शराब दुकानें होंगी। पहले साल सरकार ने इससे 1500 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा है।