-: कृष्ण बिहारी मिश्र :-
एक स्टाल पर अपनी सामग्रियों के साथ मिली पल्लवी सिंह ने बताया कि यहां बिक्री उतनी हुई नहीं और न ही ग्राहक या इसमें रुचि रखनेवाले लोगों के दर्शन ही हुए, पर जो भी आये, उनमें इस प्रदर्शनी के प्रति रुचि दिखी।
कोलकाता से आये विक्रेता शब्बीर ने बताया कि यहां तो आप स्वयं देखिये, क्या स्थिति है? मैं क्या बताऊँ, सन्नाटा छाया हुआ है, बिक्री न के बराबर, स्थिति ऐसी है कि जो 100 पम्पलेट लेकर वो चला था, उन पम्पलेटों को पांच दिनों में पचास लोग को भी वह नहीं दे पाया है।
एक ग्राहक दीपक का कहना था कि इस फैशन फेस्टिवल का ठीक से प्रचार-प्रसार नहीं हुआ, जिसके कारण लोगों ने फैशन फेस्टिवल में रुचि नहीं दिखाई।
सचमुच, जिस दिन इसका उद्घाटन हुआ और उसके दूसरे दिन जिस प्रकार से अखबारों में इस फैशन फेस्टिवल का समाचार आया, उससे लगा कि ये फैशन फेस्टिवल धमाल मचायेगा, पर स्थिति जो आज तक दिखाई दी है, वह सुखद नहीं है, ये फैशन फेस्टिवल में छाया सन्नाटा बताता है कि राज्य सरकार और उनके अधिकारियों को और कड़ी मेहनत करने की जरुरत है। आप पैसे देकर, विज्ञापन देकर अखबारों और चैनलों के द्वारा, आप अपनी जय-जय करा सकते है, पर सच्चाई जो सामने है, वह बहुत ही विकट है।
मुख्यमंत्री रघुवर दास जी, ये आज का फोटो है, दिन के 2 बजे का।
सच्चाई, आप स्वयं देख लीजिये…..
तस्वीरें झूठ नहीं बोलती, पूरा सन्नाटा…….
ये सन्नाटा क्यों हुआ?
आम जनता ने इसमें रुचि क्यों नहीं दिखाई?
आप अपने आलाधिकारियों से पूछिये, पर ये सहीं बतायेंगे, हमें नहीं लगता…