“बिहार के ‘मुजफ्फरपुर महापाप’ को लेकर बिहार की राजनीति काफी गर्मा गई है। बालिका यौन शोषण घटना में शामिल ब्रजेश ठाकुर को पॉस्को कोर्ट में पेशी के दौरान पप्पू यादव की पार्टी जाप की महिला कार्यकर्ताओं ने जहाँ उन पर स्याही पोती तो दूसरी तरफ ब्रजेश ठाकुर की स्वीकारोक्ति के बाद की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति से उनकी फोन पर बातचीत होती थी।”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो )। ब्रजेश ठाकुर के उक्त बयान के बाद राज्य की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने बुधवार को अपना इस्तीफा सीएम नीतीश कुमार को सौंप दी।
दो दिन पूर्व ही सीएम नीतीश कुमार की ओर से लोक संवाद कार्यक्रम में मंत्री मंजू वर्मा को क्लीन चीट मिल गया था। सीएम ने उनके इस्तीफा पर विराम लगा दिया था । जिसको लेकर सीएम लगातार विपक्ष के निशाने पर थे।
बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर महापाप मामले में चल रही सीबीआई की कार्रवाई में मंत्री मंजू वर्मा के पति और आरोपी ब्रजेश ठाकुर के बीच कई बार फोन से बातचीत के मामले सामने आने के बाद मंत्री के इस्तीफे की मांग की गूँज सिर्फ़ विपक्ष ही नहीं, बल्कि भाजपा की ओर से भी आने लगी थी। इस मामले में सरकार की खूब किरकिरी हो रही थी ।
इधर बुधवार को पॉस्को कोर्ट में ले जाने के दौरान जाप के महिला कार्यकर्ताओं ने ब्रजेश ठाकुर के मुंह पर स्याही पोत दी और कोर्ट रूम में भी घुसने का प्रयास करते हुए नारेबाजी भी की।
मुजफ्फरपुर कोर्ट में पेशी के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए ब्रजेश ठाकुर का कहना था कि उसे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। मंत्री मंजू वर्मा के पति से बातचीत होती थी लेकिन मंत्री से उनका कोई संबंध नहीं है।
‘मुजफ्फरपुर महापाप’ के सूत्रधार ब्रजेश ठाकुर ने मीडिया के सामने यह कहकर बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्म कर दी कि वह कांग्रेस से चुनाव
लड़ने वाला था।
हालांकि कांग्रेसी नेताओं ने ब्रजेश ठाकुर की बातों को कोरा बकबास बताया और कहा कि ब्रजेश ठाकुर सत्तारुढ़ जदयू-भाजपा के ईशारे पर सब कुछ बोल रहा है। राजद ने भी इसका समर्थन किया।
फिलहाल मंत्री मंजू वर्मा के इस्तीफे तथा ब्रजेश ठाकुर के बयान से कि वह कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहता था के बाद सभी राजनीतिक दलों का एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप शुरू हो चला है।
इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है और ऐसे अंदेशा जताया जा रहा है कि इसकी आंच मंजू वर्मा के पति चंद्रेश्वर वर्मा तक भी पहुंच सकती है। चंद्रेश्वर वर्मा पर इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ सीधा संबंध होने के आरोप हैं।
इससे पहले मंजू वर्मा के इस्तीफे के सवाल पर बिहार सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि मंत्री ने उनसे मिलकर सफाई दे दी है। उन्होंने कहा था कि बिना वजह कैसे जिम्मेदार ठहराया जाए।
उधर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अनुसार मंजु वर्मा को 15-20 दिन पहले ही अपना इस्तीफा दे देना चाहिये था और उन्हें मीडिया के सामने आकर अपने पति का पक्ष रखने की भी कोई आवश्यकता नहीं थी।
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों के यौन उत्पीड़न के आरोपी ब्रजेश ठाकुर और चंद्रेश्वर वर्मा लगातार संपर्क में थे।
आरोप यह भी लगे कि इस साल ब्रजेश ठाकुर ने मंजू वर्मा से भी फोन पर कई बार बातचीत की। हालांकि मंजू वर्मा ने खुद या अपने पति के ब्रजेश ठाकुर से ऐसे किसी संबंध से इनकार किया था।
बता दें कि मुजफ्फरपुर के एक शेल्टर होम में 34 बच्चियों से रेप की घटना सामने आने के बाद सूबे और देश की राजनीति में भूचाल आ गया था। शेल्टर होम रेप केस में अबतक मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 10 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मुजफ्फपुर शेल्टर होम रेप केस की जांच पूरी तरह से अपने हाथ में ले ली है। सीबीआई की टीम ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन से इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज और सबूत ले लिए हैं।
इसके साथ ही जांच एजेंसी की टीम टीआईएसएस (टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज) के संपर्क में है, जिसने मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम का ऑडिट कर मामले का खुलासा किया था।