Home आधी आबादी महादलित किशोरी संग वहशीपन को छेड़खानी का मामला बनाने में जुटी नालंदा...

महादलित किशोरी संग वहशीपन को छेड़खानी का मामला बनाने में जुटी नालंदा पुलिस

नालंदा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के सुशासन बाबू यानि सीएम नीतिश कुमार के  गृह जिले  नालंदा के अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर की पुलिस का रवैया काफी अमानवीय स्वरुप में उभर कर सामने आये है। इसमें वहां के एसपी सुधीर पोरिका की उदासीनता समूचे मामले को और भी गंभीर बना जाती है।

सिर्फ गंभीर अंपराधों के आकड़े कम करने की सनक में समाज के वहशी-दरिंदों को बल देना और गरीब, असहाय, दबे-कुचले समाज के बीच भय का महौल उत्पन्न करना पुलिस-प्रशासन के किस संवैधानिक पद और गोपनीयता की शपथ के घोतक हैं, इसका जबाब उसके तंत्र के रहनुमा ही बेहतर बता सकते हैं।RAJGIR POLICE STATION

हमारा स्पष्ट मानना है कि वहशी सिर्फ वहशी होता है और बिटिया सिर्फ बिटिया। चाहे वे किसी भी समाज और तबके से ताल्लुक रखते हों।

बहरहाल,खबर है कि राजगीर थाना में बीते 21 जनवरी को महादलित किशोरी से छेड़खानी की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामला दर्ज होने के बाद पीड़िता की मां ने खुलासा किया था कि उनकी पुत्री से छेड़खानी नहीं दुष्कर्म हुआ है। पुलिस पर दबाव में छेड़खानी की प्राथमिकी दर्ज कराने का आरोप भी लगाया गया।

मंगलवार को किशोरी का न्यायालय में फर्द बयान दर्ज कराया गया। सूत्रों की मानें तो बयान में पीड़िता ने छेड़खानी की बात कही है। न्यायालय में बयान दर्ज होने के बाद भी परिजन अपने आरोपों पर अड़े हैं।

नालंदा एसपी सुधीर कुमार पोरका…जानकारी के बाबजूद लापरवाह….

पीड़िता किशोरी के भाई ने मीडिया कर्मियों को बताया कि उसकी बहन से रेप हुआ है। दबाव में छेड़खानी की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस से उसे इंसाफ की उम्मीद नहीं है। आरोपी खुलेआम घूम रहा है। उसका परिवार दहशत में है।

इधर, वार्ड संख्या 09 की पार्षद रूकमणि देवी ने बुधवार को राज्य महिला  आयोग को आवेदन भेजकर पीड़िता के लिए इंसाफ की गुहार लगाई है। पार्षद भी पुलिस पर दबाव में मामला दर्ज करने का आरोप लगाते हुए आयोग को आवेदन भेजी हैं।

परिजन ने आरोपों में बताया है कि 13 वर्षीया पुत्री खेत में साग तोड़ने गई थी। उसी दौरान चार बच्चों के पिता ने किशोरी से दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के बाद पीड़िता किशोरी की हालत काफी गंभीर थी। वह ठीक से चल-फिर भी नहीं पा रही थी। उसेक अंग-वस्त्र लहुलुहान थे। उसका ईलाज तत्काल एक नीजि चिकित्सक द्वारा कराया गया।

अब सबाल उठता है कि जब नालंदा के एसपी को भी महादलित किशोरी के साथ वहशीपन किये जाने की शिकायत की गई थी तो पीड़िता का मेडिकल जांच क्यों नहीं कराया गया। राजगीर थाना पुलिस द्वारा पीड़िता और उसके परिजनों के साथ जिस तरह के अमानवीय व्यवहार किये गये, उस शिकायत पर एसपी ने कोई जांच कार्रवाई क्यों नहीं करवाई?

error: Content is protected !!
Exit mobile version