“वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अभी बहुत समय बाकी है। इसलिए यह दावा नहीं किया जा सकता कि मोदी के सामने कोई नहीं है।”
उन्होंने कहा कि तीन महीने तक इसके लिए काफी भागदौड़ की। लगातार जनसभाएं हुईं। सब एकजुट थे।
भाजपा को हमने बिहार से खदेड़ दिया था, लेकिन महागठबंधन को तोड़कर ठीक नहीं किया गया। यह तो जनादेश का अपमान है।
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जो भी स्थिति है वह हमारे लिए दुखद है। वैसे तो हमको किसी से भी डर नहीं लगता है और ही हमें कोई पद या सुख प्रभावित कर सकता है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अभी बहुत समय बाकी है। इसलिए यह दावा नहीं किया जा सकता कि मोदी के सामने कोई नहीं है।
शरद ने कहा कि अगर कोई ऐसा करता है तो वह गलत है। अभी से कैसे कह सकते हैं कि कौन जीतेगा या हारेगा? यह तय करना तो जनता का काम है। हारने-जीतने का सवाल तो अभी बहुत दूर है।
महागठबंधन में टूट पर लगातार दूसरे दिन भी नाराजगी जताते हुए शरद ने कहा कि हमने और लालू प्रसाद ने मिलकर भाजपा को रोकने के लिए गठबंधन बनाया था, लेकिन वह चल नहीं सका।
उन्होंने क्षोभ प्रकट करते हुये कहा कि बिहार की 11 करोड़ जनता ने जो विश्वास महागठबंधन को दिया था, वह विश्वास अब नहीं रहा। जदयू से नाता तोड़ कर लालू के साथ जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम किसी के न्योते पर नहीं चलते हैं।