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मलमास मेला भूमि अतिक्रमण मामले में नपे राजगीर सीओ, वेतन से वसूली गई दंड राशि

आरटीआई एक्टीविस्ट पुरुषोतम प्रसाद द्वारा दायर अन्नय वाद संख्या-427110215121700791 के आलोक में राजगीर सीओ को दोषी करार देते हुये उनके वेतन से 5000 रुपये की राशि दंड वसुल कर ली गई है।“

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (मुकेश भारतीय)। नालंदा जिले के ऐतिहासिक पर्यटन नगरी राजगीर स्थित मलमास मेला सैरात भूमि पर काबिज बड़े अतिक्रमणकारियों को शह देने वाले सरकारी अफसरों के खिलाफ गाज गिरनी शुरु हो गई है।

NALANDA LSNO SANJEEV SINHA
नालंदा जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय पदाधिकारी संजीव कुमार सिन्हा सुनवाई करते….

नालंदा जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय पदाधिकारी संजीव कुमार सिन्हा के समक्ष उपस्थित लोक प्राधिकार सह स्थापना उप समाहर्ता के प्रतिनिधि अपने प्रतिवेदन पत्रांक-65 दिनांकः 06.01.2018 द्वारा प्रतिवेदित किया है कि विषयगत परिवाद में राजगीर अंचलाधिकारी से परिवाद संख्या 999990124121637691 /2A दिनांक 24.11.2017 में शस्ति अधिरोपित की दंड स्वरूप राशि 5000 रूपये ट्रेजरी चालान के माध्यम से विपत्र कोड संख्या R-0070608000028 में जमा कर दिया गया है। प्रमाण स्वरूप अंचलाधिकारी, राजगीर के पत्रांक-46 दिनांकः 05.01.2018 एवं चालान की छायाप्रति इस पत्र के साथ संलग्न है।

इसके साथ ही वाद की कार्रवाई समाप्त कर दी गई है। जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय के इस आदेश पर वादी पुरुषोतम प्रसाद ने अपनी पूर्ण संतुष्टि प्रकट की है।

बता दें कि इसके पूर्व नालंदा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी संजीव कुमार सिन्हा ने जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन को राजगीर अंचलाधिकारी के वेतन मद से जुर्माने की राशि वसूली करवा कर अगली निर्धारित तिथि  से पूर्व सूचित करने का आदेश दिया था।

श्री सिन्हा ने यह अंतरिम आदेश राजगीर निवासी आरटीआई एक्टीविस्ट पुरुषोतम प्रसाद की अनन्य संख्या- 427110215121700791 (प्रपत्र-1) की सुनवाई के बाद दी थी।

नालंदा जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की लड़ रहे आरटीआई एक्टीविस्ट पुरुषोतम प्रसाद…..

वादी श्री प्रसाद की शिकायत थी कि जिलाधिकारी सह द्वीतीय अपीलीय प्राधिकार डॉ. त्यागराजन द्वारा मामले की सुनवाई के बाद अंतिम आदेश में राजगीर अंचलाधिकारी उमेश नारायण पर्वत के खिलाफ बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 की धारा 8(1) के तहत 5000 (पांच हजार) रूपये शास्ति अधिरोपित कर  निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को उनके वेतन से दंड की राशि वसूल कर विपत्र कोड संख्या-R-0070608000028 में जमा कर चालान की एक प्रति भेजने के निर्देश देकर  द्वितीय अपील वाद की कार्यवाही समाप्त कर दी गई। लेकिन, चूकि राजगीर अंचलाधिकारी, जो निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी भी हैं, उन्होंने जिलाधिकारी सह द्वीतीय अपीलीय प्राधिकार के आदेश का पालन नहीं किया।

वादी पुरुषोतम प्रसाद ने इसकी शिकायत पपत्र (1) के जरिये 15.12.2017 को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी संजीव कुमार सिन्हा के समक्ष की। जिन्होंने इस शिकायत वाद पर 28 दिसंबर, 2017 को पहली सुनवाई की तिथि को ही परिवादी जिलाधिकारी को यह आदेश दिया कि वे अपने स्तर से राजगीर सीओ के वेतन मद से दंड की राशि वसूलवा कर निर्धारित अगली तिथि 11 जनवरी 2018 से पूर्व  सूचित करें।

तब आरटीआई एक्टीविस्ट पुरुषोतम प्रसाद की ओर से विषयगत अन्यन संख्या-9999901241211637691/ 2ए में डॉ. त्यागराजन एसएम द्वीतीय प्रधिकार नालंदा को अति शीघ्र शक्ति प्रदान करने हेतु प्रधान सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार (पटना) को लिखने या दिनांक 24.11.2017 को पारित आदेश का अनुपालन निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी राजगीर से सुसमय कराने हेतु आदेश प्राप्ति हेतु आवेदन दिया गया था।

इस वाद में नालंदा के जिलाधिकारी सह द्वीतीय अपीलीय प्राधिकार डॉ. त्यागराजन एसएम को परिवादी बनाते हुये मूल रुप से निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी द्वारा दिनांक 24.11.2017 के पारित आदेश के आलोक में विपत्र कोड संख्या-R-0070608000028 में अंचलाधिकारी राजगीर को दंड की राशि वसूली करने के संबंध में 15.12.2017 को परिवाद दायर किया गया था।

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